पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रिपरिषद् की बैठक में 14 महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। सरकार ने वेतन/पेंशन प्राप्त कर रहे राज्य कर्मियों के लिए एक जनवरी 2022 के प्रभाव से महंगाई भत्ता में तीन प्रतिशत वृद्धि का निर्णय लिया अब इन्हें 31 के स्थान पर 34% महंगाई भत्ता मिलेगी। प्रदेश में अगलगी की घटना के मद्देनजर 73 नये अग्निशामक वाहनों के क्रय हेतु 43,80 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि मंत्रिपरिषद् ने बिहार आकस्मिकता निधि 350 करोड़ रुपए से अस्थायी रूप से बढ़ाकर 30 मार्च 2023 तक के लिए 9500 करोड़ रुपए करने की स्वीकृति दी। बिहार में अब अगर पहली बार शराब पीकर पकड़े जायेंगे तो दो से पांच हजार रुपए जुमार्ना देकर छूट जाएंगेl कैबिनेट की बैठक में आज नियम तय कर दिये सरकार ने तय किया है कि पहली बार शराब पीते पकड़े गये व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के पास पेश किया जायेगा, जहां जुमार्ना लेकर उसे छोड़ दिया जायेगाl
फिल्म द कश्मीर फाइल्स को कैबिनेट ने टैक्स फ्री करने को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान किया। निवेश आयुक्त, मुम्बई कार्यालय की स्थापना एवं 1 अप्रैल से एक वर्ष तक संचालन हेतु 382.23 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी।

पीरो, भोजपुर के तत्कालीन भूमि सुधार उप समाहर्ता प्रभाष कुमार एवं शेरघाटी, गया के तत्कालीन भूमि सुधार उप समाहर्ता रमेश प्रसाद दिवाकर की बर्खास्तगी को स्वीकृति दी गई। तत्कालीन दरभंगा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (योजना एवं लेखा) डॉ० सुधीर कुमार झा को गंभीर वित्तीय आरोपों के लिए बर्खास्त किया गया।

पथ निर्माण विभाग के अन्तर्गत भागलपुर जिलान्तर्गत सुन्दरवती महिला कॉलेज से मिरजानहाट पथ के तीसरे किमी में ब्रिज निर्माण हेतु 117,89 करोड़ को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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