सीएसपी एवं ग्राहकों की परेशानी दूर करने पर बैंक का है ध्यान : एजीएम एसबीआई

पटना। स्टेट बैंक आफ इण्डिया के एजीएम पटना आलोक नारायण ने वेदावाग सिस्टम्स लिमिटेड की वितीय वर्ष 2021-22 की वार्षिक समीक्षा बैठक को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए आने वाले समय में एसबीआई द्वारा दी जाने वाली ग्राहक सुविधाओं की जानकारी देने के साथ ही सीएसपी एवं ग्राहकों को होने वाली परेशानी को दूर करने की दिशा में बैंक द्वारा सकारात्मक दृष्टि से विचार करने की आस बंधाई।
वेदावाग के वार्षिक समीक्षा बैठक का इसके पूर्व उदघाटन एजीएम आलोक नारायण, कंपनी के सीईओ कृष्णा कोलथरु, पटना सर्किल हेड मुकेश सर्राफ व अन्यों ने दीप प्रज्वलित कर किया।

कार्यक्रम का संचालन मुकेश श्रॉफ सर्किल हेड, वेदावाग ने किया। सीईओ कृष्णा कोलथरु ने सीएसपी एवं ग्राहकों को होने वाली परेशानी की विस्तार से चर्चा करते हुए इसके निराकरण की दिशा में प्रयासरत रहने की बात बताते हुए पटना सर्किल के सीएसपी संचालकों के प्रयासों की खुले ह्रदय से सराहना भी की। उन्होंने अपने सभी सहकर्मियों की मेहनत को सम्मान देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

वेदाबाग सिस्टम लिमिटेड के सुमन सौरभ सहित आठ असिस्टेंट रीजनल मैनेजरों की उपस्थिति में वित्तीय वर्ष 2021-22 में अच्छा प्रदर्शन करने वाले कर्मचारिओं को मेडल, शील्ड अन्य वस्तुओं को देकर सम्मानित किया गया। ज्ञात है कि वेदावाग सिस्टम्स ने समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में 239.54 प्रतिशत के साथ 20 राष्ट्रीय बीसीएस में अटल पेंशन योजना के साइनिंग स्टार अभियान में प्रथम स्थान प्राप्त करने का गौरव भी हांसिल किया है। यहाँ उलेख्नीय है कि 20 राष्ट्रीय बीसीएस में से मात्र 6 बीसीएस 100 प्रतिशत से अधिक सफलता प्राप्त की है, जबकि आठ की सफलता 50 प्रतिशत से कम रही हैl

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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