‘वसुधा कल्याण आश्रम’ द्वारा मंगलवार को “स्वामी विवेकानंद जयंती सह श्री कल्याणमित्र सम्मान समारोह” का आयोजन चित्रगुप्त एसोसिएशन छाता चौक, मुजफ्फरपुर के सभागार में किया गया। यह एक धर्म सभा थी जिसमें संस्था द्वारा पूरे बिहार एवं देश के विभिन्न स्थानों से आए हुए संत, विद्वान, समाजसेवी, पत्रकार एवं युवा सम्मानित किए गए। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के प्रतिष्ठाता आध्यात्मिक गुरु आचार्य पावन महाराज जी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में पंडित विनय पाठक उपस्थित थे। प्रथम दीप प्रज्वलीत कर संस्था के सभी आचार्यगणों ने स्वस्तिवाचन किया। समारोह का उद्घाटन पंडित कमलापति त्रिपाठी ‘प्रमोद’ ने किया। धर्मगुरु श्री अजय पाण्डेय ने स्वागत भाषण देकर सभा को वसुधा कल्याण आश्रम के उद्देश्यों एवं लक्ष्यों के संदर्भ में बताया। सभा के समक्ष इस अवसर पर पंडित विनय पाठक जी ने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन चरित्र के विषय में बताते हुए वसुधा कल्याण आश्रम एवं आचार्य पावन महाराज जी के संदर्भ में अपने सुहृद भाव सभा के समक्ष रखा। पंडित कमलापति त्रिपाठी जी ने वसुधा कल्याण आश्रम के कार्यों की प्रशंसा करते हुए सनातन धर्म एवं इसके प्राचीन गौरव एवं स्वामी विविकानंद जी के जीवन चरित्र के विषय में सभा को अवगत कराया। कई विद्वानों ने एवं युवा सदस्यों ने अपने विचार रखे तथा अंत में आचार्य पावन महाराज जी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में संस्था के समग्र चिंतन से सभी को अवगत कराते हुए मानव जीवन की गरिमा को किस प्रकार उसके परम वैभव तक पहुंचाया जा सके तथा किस प्रकार प्रकृति की सेवा करते हुए सनातन युग की अवधारणाओं को पुनः स्थापित किया जा सके इस संदर्भ में व्यापक प्रकाश डाला। इस अवसर पर दिल्ली से उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुशील श्रीवास्तव को विशिष्ठ अतिथि के रूप में “श्री कल्याण मित्र सम्मान” से सम्मानित किया गया ! संस्था के सचिव राजकुमार जयसवाल, कोषाध्यक्ष अखिलेश्वर मिश्रा, बिहार प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार मिश्रा, मीडिया प्रभारी हरिशंकर पाठक, माता कैलाशी कृष्णा माता, पंडित शंभूनाथ चौबे, डॉ कुमार विरल समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। मंच का संचालन युवा नाटककार सुमन वृक्ष ने किया। इस पूरे कार्यक्रम में कोविड-19 के संदर्भ में बिहार सरकार द्वारा जारी सभी निर्देशों एवं आदेशों का पूर्णता से पालन किया गया।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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