धान खरीद में आ रही दिक्कतों का अध्ययन करेगा तीन सदस्यीय पैनल


केरल सरकार ने प्रस्तावित सुधार के हिस्से के रूप में राज्य में धान की खरीद में आ रही समस्याओं का अध्ययन करने के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है।

कृषि विभाग द्वारा जारी समिति के गठन के 23 जनवरी के आदेश के अनुसार समिति खरीद के मौजूदा तरीके पर विस्तृत नजर रखेगी।

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी वीके बेबी उस पैनल की अध्यक्षता करते हैं जिसमें महाप्रबंधक, केरल राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (आपूर्तिको), और विशेष अधिकारी, डब्ल्यूटीआईओ सेल, कृषि विभाग, संयोजक और सह-संयोजक के रूप में हैं।

वे वर्तमान प्रक्रिया की समीक्षा करेंगे और प्रणालीगत ”अंतरालों, बाधाओं और अनुत्पादक चक्रों” की पहचान करेंगे जो शिकायतों का कारण बनते हैं। पैनल को प्रक्रिया में शामिल किसानों, मिलरों और सरकारी अधिकारियों से परामर्श करने, संबंधित अदालती फैसलों का अध्ययन करने और प्रक्रिया को बेहतर बनाने में सूचना प्रौद्योगिकी और रिमोट सेंसिंग की भूमिका का पता लगाने का निर्देश दिया गया है।

अलप्पुझा, पलक्कड़, मलप्पुरम और त्रिशूर के जिला कलेक्टर अभ्यास के हिस्से के रूप में हितधारक परामर्श आयोजित करेंगे।

समिति को अध्ययन पूरा करने और सरकार को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो महीने का समय दिया गया है।

भुगतान में विलंब

धान किसानों के मुताबिक उपार्जित धान का भुगतान मिलने में देरी सबसे बड़ी समस्या है। देरी दो से तीन महीने तक चलती है, जो एक ऐसा मुद्दा है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

11 जनवरी को, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री जीआर अनिल की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में कृषि, स्थानीय स्वशासन और बिजली मंत्रियों ने भाग लिया था, जिसमें चोरी और मूल्य और सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित शिकायतों पर ध्यान दिया गया था। बैठक ने निष्कर्ष निकाला था कि धान की खरीद के संबंध में एक प्रणालीगत विश्लेषण की तत्काल आवश्यकता थी।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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