power issue in banka

बिहार को मिलेगी 24 घंटे बिजली वाले जुमले को यह खबर खोल रही है पोल , साथ ही ऊर्जा मंत्री के ब्यान को की कोयले संकट से बिहार की बिजली व्यवस्था पर कोई असर नहीं पडेगा मगर यह विजेंद्र जी के हवा हवाई दावे निकले आप भी देखे इस खबर को

भालपुर संवाददाता (बिहार) :- अभी रमजान का पाक महीना चल रहा है और आज आखिरी जुम्मा भी है इस विषय पर यह कहना चाहूंगी कि इलेक्ट्रिसिटी की प्रॉब्लम इतनी है की  जिले के ब्लॉक मे सभी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

क्या सरकार को कम से कम इफ्तारी के समय लाइट देने का जरूरत नहीं है ? बड़े शहरों की बात अलग है, लेकिन छोटे-छोटे ब्लॉक में कभी भी लाइट को काट दिया जाता है।

जिससे वहां के आम जनों को अब और असुविधा होती है अभी इस समय जो रोजा में हैं आप सोच सकते हो उनको कितनी परेशानी का सामना करना पड़ता होगा !

इलेक्ट्रिसिटी ना होने के कारण पानी की किल्लत हो जाती है और अभी पानी की जरूरत कितनी है यह आप और हम सब अच्छे से जानते हैं।

क्या सरकार को एक निश्चित समय पर पानी और बिजली का व्यवस्था नहीं करना चाहिए? आप कभी भी लाइट को काट देते हैं क्या वह ठीक है ? कम से कम एक समय जैसे कि इफ्तार के समय में लाइट और बिजली देने की व्यवस्था करनी होनी चाहिए।

जगह जगह पर अभी 2 घंटे 3 घंटे 4 घंटे के लिए बिजली को काट दिया जाता है, क्या यह सही है आमजन तो परेशान होते ही हैं लेकिन वह लोग जो अभी रोजा में है आप समझ सकते हैं कि उनको कितनी परेशानी का सामना करना पड़ता होगा!

इस समस्या की ओर ध्यान देना  चाहिए और जो लोग रोजा में थे अब 2 दिन 3 दिन के बाद ईद होगी तो सरकार को उनके बारे में सोचना चाहिए  जो लोग कितने परेशानी का सामना कर रहे होंगे एक तो त्यौहार ऊपर से गर्मी ,

इस समस्या की ओर ध्यान देने की जरूरत नहीं है क्या ?

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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