ev charging pomts on railway station

रेलवे की ओर से ईवी चार्जिंग स्‍टेशन (EV charging stations) मुंबई, दिल्‍ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, चेन्‍नई, कोलकाता, पुणे और सुरत में दिसंबर 2024 तक लगाने की योजना है।

भारतीय रेलवे ने E- Vehicle को बढ़ावा देने के लिए एक खास प्‍लान तैयार किया है। प्रोमोटिंग ई-मोबिलिटी प्‍लान के तहत रेलवे अगले तीन सालों में देश के प्रमुख स्‍टेशनों पर ईवी चार्जिंग प्‍वाइंट लगाएगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय रेलवे अपने पहले फेज के दौरान, बड़े शहरों के रेलवे स्‍टेशनों, जहां 4 मिलियन से अधिक यात्रियों का आवागमन हो, पर लगाया जाएगा।

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे की ओर से ईवी चार्जिंग स्‍टेशन (EV charging stations) मुंबई, दिल्‍ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, चेन्‍नई, कोलकाता, पुणे और सुरत में दिसंबर 2024 तक लगाने की परिकल्‍पना है। इसके अलावा, रेलवे की योजना है कि वह 2030 तक देश में शुद्ध जिरो कार्बन उत्‍सर्जक बनना है। ऐसे में इस कदम का टारगेट 2025 तक आंतरिक दहन इंजन के उपयोग को कम करना है।

क्‍या है रेलवे का प्‍लान

रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे ने दो तरह के रणनीति पेश की है, जिसमें एक पर ईवी एडॉप्‍शन पर फोकस और दूसरा किफायती चार्जिंग प्‍वाइंट का रेलवे स्‍टेशनों पर विस्‍तार करना है।

दूसरा फेज कब होगा पूरा

वहीं दूसरे फेज के दौरान रेलवे की ओर से प्‍लान किया गया है कि सभी बडे़ शहर (जहां पर एक मिलियन से अधिक लोग आते-जाते हैं या फिर मेगासिटी) वाले स्‍टेशनों पर ईवी चार्जिंग प्‍वाइंट लगाया जाएगा, जो दिसंबर 2025 तक पूरा करने का टारगेट रखा गया है। वहीं रेलवे दिसंबर 2026 तक बचे हुए बड़े रेलवे स्‍टेशनों पर ईवी चार्जिंग स्‍टेशन लगाना जारी रखेगा। ईवी चार्जिंग लगाने के लिए रेलवे स्‍टेशनों का मापन जोन, दूरी, भींड, सुविधाओं आदि के आधार पर किया जाएगा।

ईवी चार्जिंग प्‍वाइंट लगाने के लिए बजट

ईवी चार्जिंग प्‍वाइंट या तो बजटीय अनुदान के माध्यम से स्थापित किए जाएंगे, जो कि जोनल रेलवे स्टेशनों द्वारा जारी किया जाएगा या डेवलपर मोड के तहत लगाया जाएगा। डेवलपर मोड के तहत, रेलवे को लाइसेंस किराए के भुगतान के साथ, चार्ज प्‍वाइंट ऑपरेटरों के निवेश से ईवी चार्जिंग प्‍वाइंट स्थापित किए जाएंगे।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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