NASA की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी (SDO) ने सूर्य के फिलामेंट्स में से एक में एक बड़ा धमाका होने की चेतावनी जारी की है। स्पेसवेदर की रिपोर्ट के अनुसार, यह धमाका 21 अप्रैल को हुआ है। इस धमाके के कारण कोरोनल मास इजेक्शन (CME) घटित होता है। यह ऐसी प्रक्रिया है जिससे एक भूचुंबकीय तूफान सूरज की सतह पर उठता है, और कई बार यह धरती की ओर बढ़ता है। अगर धरती की दिशा उस वक्त इसकी तरफ होती है तो यह स्ट्राइकिंग जोन कहा जाता है। कोरोनल मास इजेक्शन का ये विशाल बादल अब धरती की ओर अपना रुख कर चुका है जिसका प्रभाव यहां 24 अप्रैल को दिखाई देगा।
Our Sun wakes up! Region 3283 launches a #solarstorm while in the Earth-strike zone. Coronagraph images confirm it’s Earth-directed. Waiting for model predictions, but impact likely by midday April 24. Expect #aurora to mid-latitudes, #GPS & HF #radio issues on Earth’s nightside. pic.twitter.com/UMNYbj2UEv
— Dr. Tamitha Skov (@TamithaSkov) April 21, 2023
भूचुंबकीय तूफानों या सौर तूफानों को आकार के हिसाब से श्रेणियों में बांटा जाता है। इन्हें G1 से G5 तक वर्गीकृत किया गया है। G5 कैटिगरी का सौर तूफान सबसे शक्तिशाली माना जाता है। इसके टकराने से धरती पर बहुत अधिक नुकसान की संभावना होती है। ये धरती पर कई तरह के उपकरणों को खराब कर सकते हैं, संचार के साधनों में खराबी पैदा कर सकते हैं। बिजली सप्लाई भी इससे प्रभावित हो सकती है। रेडियो, सैटेलाइट और नेविगेशन सिस्टम पर भी यह असर डाल सकता है।
24 अप्रैल को जो भूचुंबकीय तूफान धरती से टकराएगा इसे G1 से G2 कैटिगरी का बताया गया है। कैटिगरी के अनुसार इससे बहुत ज्यादा खतरा तो नहीं बताया गया है, लेकिन धरती के निकट पहुंचने पर यह क्या असर डालेगा, यह इसके टकराने पर ही पता लग पाएगा। बता दें कि अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार इस वक्त सूर्य अपनी 11 साल की सौर साइकिल से गुजर रहा है। हर 11 साल में सूर्य की सतह पर इस तरह की गतिविधियां बहुत तेज हो जाती हैं।
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