पटना, आगा खान फाउंडेशन की ओर से एक वर्चुअल मीटिंग का आयोजन किया गया, जिसमें 71 विभिन्न शिक्षकों ,संकुल समन्वयको ने शिरकत की। आगा खान फाउंडेशन की जिला समन्वयक नेहा प्रवीण की अध्यक्षता में मीटिंग आयोजित किया गया। राजकीय सम्मान प्राप्त शिक्षिका डॉ नम्रता आनंद मध्य विद्यालय सिपारा, पटना और समस्तीपुर के बीआरपी संतोष कुमार मनोज वर्मा, देवेंद्र कुमार संकुल समन्वयक निरंजन जी अखिलेश जी मनोज कश्यप मनोज जी एवं कई शिक्षक जैसे विनोद कुमार, सुनील कुमार ,मनोज कुमार आदि मीटिग में शामिल हुए। आगा खान फाउंडेशन के कार्यक्रम पदाधिकारी समीर झा भी उपस्थित थे। नेहा प्रवीण ने कहा मिशन गुणवत्ता के साथ साथ अभी करो ना को देखते हुए व्हाट्सएप पोस्टर की गतिविधि सभी अभिभावक के साथ साझा करना है जिससे सभी शिक्षक मिलकर बच्चों तक पहुंचे।
डॉ नम्रता आनंद ने कहा कोरोना महामारी में प्राइवेट स्कूल के बच्चे तो अच्छे से पढ़ पा रहे हैं लेकिन सरकारी स्कूल के बच्चे गरीबी के कारण एनरायड मोबाइल नहीं रहने के कारण और अभिभावकों में जागरूकता की कमी के कारण ठीक से नहीं पढ़ पा रहे हैं। जरूरी है ऐसे कठिन परिस्थिति में इन बच्चों के लिए सोचते हुए कार्य करना। उन्होंने बताया कि हम जैसे भी जिस परिस्थिति मैं है हमारा दायित्व बनता है कि हमें बच्चों के लिए सोचना होगा। बच्चे शिक्षा से विमुख ना हो इसलिए उनके समग्र विकास के लिए एक ग्रुप बनाकर मैंने सरकारी स्कूल के बच्चों को जोड़ा है, जिसमें बच्चों को निबंध प्रतियोगिता ,क्विज, विभिन्न विषयों पर पेंटिंग, क्राफ्ट, मास्क बनाने की ट्रेनिंग ,संगीत प्रतियोगिता, भाषण स्पीच, प्रतियोगिता वाद-विवाद, किसी विषय पर चर्चा आदि करवायी जाती है, जिसमें बच्चे पूरी लगन से भाग लेते हैं। बच्चों को शिक्षा के विभिन्न लिंको से जोड़कर उन्हें फायदा पहुंचाने की कोशिश की है।
नेहा प्रवीण ने कहा आज के वर्चुअल मीटिंग का एजेंडा ही था कि कोविड-19 से जूझ रहे शिक्षकों को कैसे अपने आप को नार्मल महसूस कराया जाए। ऐसी स्थिति में कैसे हम बच्चों एवं उनके माता-पिता तक अपनी पहुंच बनाएं, जिससे वे इस परिस्थिति में अपने बच्चों की देखभाल कर पाएं साथ ही बच्चों के सीखने की प्रक्रिया पर चर्चा की गई बच्चों के अभिभावकों के मोबाइल नंबर को व्हाट्सएप समूह से जोड़कर प्रतिदिन शिक्षक उस समूह में पोस्टर साझा करेंगे उस पोस्टर के माध्यम से अभिभावक अपने बच्चों के साथ वह गतिविधि करेंगे जिससे बच्चे सीख पाए और इंटरेक्ट कर सकें।