उत्तर प्रदेश की एस डी एम् साहिबा और उनके प्रेम के पीछे की कहानी (इनसाइड स्टोरी)उत्तर प्रदेश की एस डी एम् साहिबा और उनके प्रेम के पीछे की कहानी (इनसाइड स्टोरी)

लेखक की विशेष टिप्पणी 

दो तीन दिन से ठीक से नींद नही आई है जब से ये sdm वाली खबर मीडिया में आई मन विचलित था लेख लिखने के बाद भी मन से पीड़ा जा नही रही क्योंकि कौन सा पाप किया है उस sdm ने और कॉल रिकॉर्डिंग में उसका पति फुहर और रोड छाप की तरह बात कर रहा है. अपनी स्त्री से कोई ऐसे बात करता है और महिला तो कह ही रही है मुझे तलाक चाहिए मगर उस लड़के को व्यह विचार से समस्या है ही नही समस्या है एक मोटी आसामी हाँथ से न निकल कैसे  जाए ? आखिर खिला पिला कर बड़ा किया बकड़े को हलाल तो कसाई ही करेगा ना ! कोई और कैसे खा जाएगा ? और खाने दे ? हम समाज के सारे कसाइयो को इकठा करके तुम्हे बदनाम करेंगे. तुम्हारी इज्जत को सरे बाजार नीलाम भी करेंगे. ! क्या इश्क शादी मोह्बत ऐसा होता है ?
अगर ऐसा होता है फिर मैंने ऐसा न तो इश्क किया न शादी की . जहां अधिकार मोल भाव नफ़ा नुक्सान है वहां पर प्रेम का कोई काम ही नही है राधे राधे
न है वहां पर प्रेम का कोई काम ही नही है राधे राधे

एक उत्तर प्रदेश की sdm साहिबा का मामला प्रकाश में आया है उसपर लोग उन्हें खूब भला बुरा कह और लिख कर reel बना रहे हैं अब क्या सही क्या गलत आज अपने साले साहेब Shashi Kant Mishra जी की story देखि तुरंत जबाब लिख भेजा उसी जबाब की एक कॉपी आपसे साझा कर रहा हु उम्मीद है कुछ लोग कुंठित होंगे और कुछ लोगो को ज्ञान मिलेगा और इगनोर तो समाज ने कर ही दिया है फिर भी ये लेख आपके लिए

बबुनी के शहर के हावा नइखे लागल बा बबुनी कर्म में प्रेम खोज ले ले बा , विवाह जब हम करते हैं तब शादी के वचनों के वक्त एक साथ रहने की कसमे भी खाते हैं.

मगर जैसे ही हम इस वचन को तोड़ेंगे पत्नी या पति की से दुरी या विरक्ति मतलब हमने वचन को तोड़ दिया.

फिर यही होगा, इसमें कोई आश्चर्य नही और ना ही इसमें लड़की (SDM साहिबा) की गलती है.

कर्म प्रेम को ढूंढता है और प्रेम होता कैसे है ? तो जो गुण आपमें नही अगर वो आपके साथी या सहकर्मी में है फिर प्रेम उत्त्पन होगा बहुत सारे बचपन के दोस्त दोस्त ही रह जाते है क्योंकि उन दोनों ने एक दुसरे में कोई ऐसा लक्ष्ण या गुण देखा ही नही जिसकी दुसरे को जरूरत है या एक ने देखा दुसरे ने नही फिर भी प्रेम अधूरा रह जाएगा या मुक्कमल नही होगा.

इससे सम्बन्धित प्रेम पर :- प्रेम सम्भोग और शादी, क्या पराई स्त्री/पुरुष से सम्भोग उचित है या नही (शादी के बाद) ?

यहाँ पर अगर पति पत्नी साथ में है तब आपकी शारीरिक इछाओ की पूर्ति हो रही है इसलिए सिर्फ प्रेम रहेगा और स्मभोग संभव नही क्योंकि शारीर को उसकी जरूरत नही.

मगर जैसे ही दोनों दूर है, वैसे ही ये होगा और सम्भोग भी होगा क्योंकि शरीर की मांग और प्रेम मर्यादा और समाज को ताख पर देती है.

यहाँ पर इस दृष्टिकोण में सबसे जरुरी बात की ये हुआ क्यों ?

  1. तो इसका सीधा उत्तर है सामाजिक व्यवस्था में जो वचन लिए गये उनको भूल जाना.
  2. पति पत्नी का दूरस्थ सम्बन्ध
  3. शारीरिक इच्छा/जरूरत

पहले नियम को पालन करने से बाद बांकी सभी चीजे खत्म हो जायेगी प्रेम और सम्भोग दोनों ही अलग थलग है अब इसमें sdm साहिबा का कोई दोष नही.

और जो लड़का यह कह रहा है की मैंने उसको पढाया यहाँ पर अधिकार का बोध से गर्षित है मतलब की उसने कभी उस लड़की से प्रेम किया ही नही बस दिखावे में ओत प्रोत था प्रेम में लेने देने का हिसाब नही होता. और जब करेंगे फिर नफे और नुक्सान के लिए भी तैयार रहिये आज ये सब होने के बाद वो समाज को ये बता रहा है. फिर इससे पहले वो उस महिला को भी कहता होगा की मैंने तुम्हारे लिए ये किया वो किया जिससे की विरक्ति उत्प्प्न होना स्वाभाविक है. फिर भी इसको रोका जा सकता था साथ रहकर लेकिन पैसो की भूख और पुरुष का अहंकार की अब मै उसके पैसो पर कैसे प्लु sdm की सैलरी में घर चलाया जा सकता था मगर हुआ क्या ? पुरुष का अहंकार की हम एक महिला के टुकडो पर कैसे पले ? अब बेटा लुट गया घर बार अब करो कोर्ट कचहरी जिंदगी बर्बाद उस लड़के की हुई क्योंकि वो अहंकार में जी रहा है. लड़की तो खुस है ही और उसको होना भी चाहिए क्योंकि एक अहंकारी पुरुष से पीछा जो छुटा.

जो लोग भी विवाह जैसे पवित्र बंधन में बंधे वो सबसे पहले सातो वचनों का ख्याल रक्खे तभी दाम्पत्य चल पाएंगा नही तो इसी तरह की विसंगतिया देखने को मिलेगी

आइये इसको एक कहानी से समझते हैं

एक व्यापारी ने बाजार से मुर्गी खरीदी मगर उसे मालूम नही था की इसे पोसा कैसे जाता है ! बड़ी दिक्कत थी किसी तरह से वो उस मुर्गी को पाल रहा था शुरू में मुर्गी नई थी इसलिए अंडे खूब देती थी मगर धीरे धीरे अंडो की संख्या घट सी गई अब वो व्यापारी बड़ा परेशान था कभी बाजार जाता उस दुकान पर की यार तुमने मुझे ठगा है ये मुर्गी शुरू में खूब सारे अंडे दिया करती थी लेकिन अब नही देती ! दुकानदार उसे समझा बुझाकर चलता कर देता था एक दिन व्यापारी ने सोचा क्यों न इसको कही और भेजा जाए जिससे मेरी परेशानी भी घटेगी और ये मुर्गी खा पीकर आएगी तो ज्यादा अंडा देगी व्यापारी ने मुर्गी को पोसिया लगा दिया पोसिया लेने वाला दक्ष था उसने ठीक ढंग से दाने दिए मुर्गी की नस्ल तो उम्दा थी ही उसने भी भरपूर अंडे देने शुरू किए इसी बीच एक व्यापारी की नजर उस मुर्गी पर पड़ी उसने पोसिया लगाने वाले से पूछा ये मुर्गी मुझे दे दो पोसिया लगाने वाले ने उस मुर्गी की कीमत दोगुनी बता दी उस दक्ष व्यापारी ने दोगुने पैसे देकर मुर्गी खरीद ली और उसे अपने यहां ले गया और अच्छे से देख भाल की और खूब खिलाने पिलाने लगा परेशान मुर्गी अब नए मालिक को पाकर खुश थी इसी बीच व्यापारी पहुंचा अपनी मुर्गी लेने तो पोसिया लगाने वाले ने पैसा ऑफर किया लेकिन व्यापारी जिद पर अड़ा अब बड़ी दुविधा थी पोसिया लगाने वाले नए मालिक का पता बता दिया व्यापारी उस खरीदने वाले व्यापारी के पास पहुंच गया और बोला ये मुर्गी मेरी है मैने उसे खरीदा था फलाने दुकान से अब तक मुर्गी और नए व्यापारी में एक प्यार का भी रिश्ता जुड़ चुका था दोनो व्यापारी लड़ने लगे और संजोग देखिए नए व्यापारी का भी नाम मनीष था और पुराने का आलोक और मुर्गी का नाम आप जानते है झगड़ा बढ़ा झगड़ा बढ़ता देख इधर उधर के लोग आ गए उन्होंने फैसला किया की अब मुर्गी पर छोड़ दिया जाए की मुर्गी कहा जाए मुर्गी पुराने मालिक को देख कर खुले पिंजरे से भी नही निकली और बेहोश हो गई 😭 तब लोगो ने आलोक को भगा दिया लेकिन आलोक ऐसे कैसे मान जाता उसने मनीष को मुर्गी के लिए फोन करना शुरू किया तंग आकर मनीष ने सारे सबूत इक्कट्ठे किए की कहा से उसने मुर्गी खरीदी मुर्गी के साथ क्या क्या हुआ सब तफसील से पता किया और थाने में आलोक के खिलाफ रपट लिखा दी आलोक घबराया और उसने मीडिया और सोशल मीडिया में खूब आंसू बहाए एक तरफा कहानी सुनकर लोग आलोक के पक्ष में बोलने लगे मुर्गी की सुध किसी ने नही ली तो भैया कहानी एक ये भी है ये कहानी शायद मैं अपने बच्चो को जरूर सुनाऊंगा आपका पता नही मोह से उत्पन होता है अहंकार और करुणा से उत्पन होती है प्रेम उम्मीद है आपके अंदर करुणा उत्पन हो मगर मोह माया के संसार में प्रेम खोजता अकेला शुभेंदु राधे राधे
प्रेम से बोलिए राधे राधे

 

मामला क्या था

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By Shubhendu Prakash

शुभेन्दु प्रकाश 2012 से सुचना और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र मे कार्यरत है साथ ही पत्रकारिता भी 2009 से कर रहें हैं | कई प्रिंट और इलेक्ट्रनिक मीडिया के लिए काम किया साथ ही ये आईटी services भी मुहैया करवाते हैं | 2020 से शुभेन्दु ने कोरोना को देखते हुए फुल टाइम मे जर्नलिज्म करने का निर्णय लिया अभी ये माटी की पुकार हिंदी माशिक पत्रिका में समाचार सम्पादक के पद पर कार्यरत है साथ ही aware news 24 का भी संचालन कर रहे हैं , शुभेन्दु बहुत सारे न्यूज़ पोर्टल तथा youtube चैनल को भी अपना योगदान देते हैं | अभी भी शुभेन्दु Golden Enterprises नामक फर्म का भी संचालन कर रहें हैं और बेहतर आईटी सेवा के लिए भी कार्य कर रहें हैं |

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