टमाटर - समस्या के बदले समाधान की बात कब होगी? || Tomatoes getting costlier



टमाटर और अन्य सब्जियों की बढ़ती कीमतों का असर अब लोगों की थाली पर पड़ने लगा है। शाकाहारी और मांसाहारी थालियों की कीमतें लगातार तीसरे महीने बढ़ी हैं।  क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में शाकाहारी थाली 28 फीसदी महंगी हो गई। मांसाहारी थाली के दाम 11 फीसदी बढ़ गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई में शाकाहारी थाली के दाम 33.7 रुपये पर पहुंच गए हैं। जून में यह 26.3 रुपये और मई में 25.1 रुपये थी। अप्रैल में शाकाहारी थाली 25 रुपये में मिल जाती थी। हालांकि, पिछले साल मार्च में इसकी कीमत 24.40 रुपये थी। तब से लेकर अब तक यानी 16 महीने में सबसे महंगाी थाली जुलाई में हो गई है।
इसी तरह, मांसाहारी थाली की कीमत जुलाई में 66.8 रुपये पहुंच गई। जून में यह 60 रुपये, मई में 59.3 रुपये और अप्रैल में 58.30 रुपये की थी। मार्च, 2022 में इसकी कीमत 55.6 रुपये थी। यहां भी 16 महीने में सबसे महंगी थाली जुलाई में ही रही है।
शाकाहारी थाली में जो 34 फीसदी कीमतें बढ़ी हैं, उसमें 25 फीसदी योगदान टमाटर का है। टमाटर जून में 33 रुपये किलो था, जो अब 200 रुपये किलो के पार है। इसी तरह, प्याज और आलू के भाव भी मासिक आधार पर 16 एवं 9 फीसदी तक बढ़े हैं। मिर्च और अन्य सामग्रियों के दाम भी तेजी से बढ़े हैं। हालांकि, थालियों में इनका बहुत कम उपयोग होता है। जहां तक मांसाहारी थाली की बात है तो इसे महंगा करने में ब्रॉयलर का योगदान 50 फीसदी है।

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By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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