पटना,विकास आयुक्त (ह) वस्त्र मंत्रालय , भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित और अम्ब्पाली हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प बहु राज्यीय सहकारी समिति लिमिटेड , पटना बिहार द्वारा आयोजित गांधी शिल्प बाज़ार 2023 भारत के हस्तशिल्प कलाकारों को मार्केटिंग प्लेटफार्म देने की एक पहल है । बाज़ार अपनी गुणवत्ता और ग्रामीण क्षेत्रों के कलाकारों द्वारा बाज़ार मे स्वयं बिक्री तथा उचित दर पर उपलब्ध उत्पादो के कारण बाज़ार काफी लोकप्रिय हो चला है।
गांधी शिल्प बाज़ार 2023 का उदघाटन पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान के खूबसूरत प्रांगण मे किया गया जिसमें मुख्य अतिथि और उदघाटनकर्ता डॉ (श्रीमती ) एन॰ विजयलक्ष्मी, आइएस प्रधान सचिव ,मत्स्य और पशुपालन विभाग , प्रधान सचिव बिहार सरकार ,पटना विशिष्ट अतिथि श्री शांत कुमार रक्षित ,सेवानिवृत संयुक्त निबद्धक ,सहयोग समितियां ,पटना प्रमंडल ,बिहार राजी निर्वाचन प्राधिकार सहकारिता पटना के करकमलों द्वारा गांधी मैदान के विशाल एवं आकर्षक बाज़ार मे किया गया । इस अवसर पर श्री मुकेश कुमार , सहायक निदेशक (ह), पटना, श्रीमती अर्चना सिंह, अध्यक्ष , डॉ जनर्दंजी ,किरण झा निदेशक अंबपाली, समिति के सदस्य गण कलाकार , हस्तशिल्प सेवा केंद्र, विकास आयुक्त कार्यालय के और अंबपाली हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प बहु राज्यीय सहकारी समिति लिम॰ अन्य कर्मचारीगण सभी उपस्थित थे।
अम्ब्पाली हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प बहु राज्यीय सहकारी समिति लिमिटेड की अध्यक्ष श्रीमती अर्चना सिंह ने बताया कि गांधी शिल्प बाजार मे 130 दुकाने लगाई गई है,जिसमें 100 हस्तशिल्पियों के और मेला में मेल मिलाप के लिये खान पान से लेकर बच्चो की मनोरंजन का भी खास ध्यान रखा गया है ।प्रतिदिन सांध्य कार्यक्रम ,25 दिसम्बर को बच्चों की लिए विशेष संता क्लॉज़ पर खुला मंच,31 दिसम्बर को नए साल के आगमन पर खुच खास संध्या ,बाज़ार में अधिक हलचल रहेगी ,धीरे- धीरे अपनी चरम सीमा पर यह बाज़ार नए साल में प्रवेश कर समाप्त होगा ।इसके अतिरिक्त खान पान,समूहो द्वारा उत्पादित पापड़ ,सत्तू,लाल मिर्च का आचार,चनौरी, बड़ी तिसीओरी की भी खूब मांग है । पश्चिम बंगाल,मध्य प्रदेश ,जम्मू काशमीर, उत्तर प्रदेश ,झारखंड ,हिमाचलप्रदेश ,राजस्थान ,महाराष्ट्र ,गुजरात,आसाम , मेघालय और अपना बिहार से कलाकार अपने उत्पादों के माध्यम से कला बिखेरने को शिरकत किए हैं।पर्यावरण और प्लास्टिक बैग के उपयोग न करने को भी इस बाज़ार में जागरूक करने की पहल है , इस के लिए कपड़े, जूट के थैला की दुकानें कलाकारों द्वारा उचित मूल्य पर उपलबद्ध हैं ।डॉ जनार्दन जी ने पर्यावरण पर ग्राहकों को जागरूक किया/प्लास्टिक से कितना नुकसान पर्यावरण को / नि:शुल्क दुकानों के साथ अन्य सुविधाएं भी दी गई है, इनको दैनिक भत्ता के साथ आने जाने और माल ढ़ोयाई भाड़ा आदि भी दिया जाएगा।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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