पटना, 12 जनवरी :: स्वामी विवेकानंद जी की 161वीं जयंती के अवसर पर पटना के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आई एम ए) हॉल में आयोजित हुआ काव्य सम्मेलन – सह- सम्मान समारोह। उक्त कार्यक्रम मासिक पत्रिका दिव्य रश्मि परिवार द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद दीप प्रज्वलित कर किया गया। तदोपरांत डॉ प्रतिभा रानी ने मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम की शुभारंभ की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जानेमाने साहित्यकार एवं कथाकार पंडित मार्कंडेय शारदेय ने कहा कि स्वामी विवेका
नंद ने हिन्दू समाज के लिए काफी कुछ किया है। आज के युवाओं को उनका अनुशरण करना चाहिए, आज इसकी जरूरत है। देश और हिंदुत्व की रक्षा के लिए भी उनके विचारो का अनुसरण करना आवश्यक है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रकाश मिश्र ने कहा कि महापुरुषों की जयंती मनाने से ज्यादा आवश्यक है, उनके द्वारा दिखाए गए मा
र्ग का अनुसरण करना।
उक्त अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में पटना उच्य न्यायालय के अधिवक्ता संजीव कुमार ने कहा कि सर्वप्रथम मै आयोजको को धन्यवाद देता हूँ, आज स्वामी विवेकानंद जी की 161वीं जन्मोत्सव है, हमलोग पिछले 12 वर्षों से प्रत्येक वर्ष इस आयोजन को करते आ रहें है, यह एक सुखद अनुभव है। आज हमलोग इस बात की चर्चा करे की स्वामी जी के विचारो से किस प्रकार राष्ट्र की रक्षा की जा सकती है। इसके लिए सर्वप्रथम हमें यह समझना होगा की व्यक्ति किस प्रकार से अपनी रक्षा, परिवार की रक्षा, समाज की रक्षा और राष्ट्र की रक्षा कैसे कर सकता है। उसमें स्वामी जी की कौन सी बाते प्रासंगिक है। अगर किसी राष्ट्र के नागरिक का चरित्र ठीक है तो, सम्पूर्ण राष्ट्र का
चरित्र ठीक हो जाएगा अर्थात एक चरित्रवान राष्ट्र, एक चरित्रवान व्यक्ति के सामान, मजबूत हो जाएगा, जिसे दुनिया की कोई ताकत हिला नहीं सकती, झुका नहीं सकती।
कार्यक्रम में काव्य पाठ करने वालों में संगीता मिश्रा, सविता राज, डॉ प्रतिभा रानी, डॉ राजम
णि मिश्र, जय प्रकाश कुंवर, विनोद शंकर मिश्र, सुनील कुमार, शुभ चन्द्र सिन्हा, रामाशीष सिंह एवं मधुरेश नारायण शामिल थे।
उक्त अवसर पर कार्यक्रम में साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को स्वामी विवेकानंद शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में मधुरेश नारायण, धनंजय जयपुरी, डॉ अंकेश कुमार, शुभ चंद्र सिन्हा, विनोद शंकर मिश्र, रामाशीष सिंह, डॉ राजमणि मिश्र, सुनील कुमार, संजय मिश्र अणु, डॉ अवध बिहारी सिंह, सविता राज, संगीता मिश्र, डॉ प्रतिभा रानी, जयप्रकाश कुँवर, विनय मिश्र “मामूली बुद्धि”, प्रभाकर चौबे, भोला झा “लालबाबा”, प्रकाश कुमार मिश्र, अरुण कुमार, अमित कुमार, शशिधर मिश्र, रमेश कुमार, चंद्रकांत मिश्र, दिनेश पाण्डेय, जितेन्द्र कुमार सिन्हा, सुबोध सिंह, शिवानन्द गिरी, अरविन्द कुमार अकेला, रौनक राज, राजीव झा, डॉ पुरुषोतम कुमार, संतोष कुमार सागर, लक्ष्मण पाण्डेय, रवि कुमार, श्याम श्यामल, अमर कुमार, रोहिणी पति सिंह, प्रेम सागर पाण्डेय, अजित सिन्हा, डॉ राकेश प्रताप सिंह, उमेश कुमार, मधुरेश नारायण शामिल थे।
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