पटना,सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन ने राजधानी पटना के जगजीवन नगर , चितकोहड़ा में 50 बच्चों के बीच गर्म टोपी, दस्ताना और स्कार्फ का वितरण किया।
दीदीजी की संस्थापक डा. नम्रता आनंद ने कहा कि ठंड का समय गरीब, बेसहारा, जरूरतमंदों के लिए कठिन समय होता है।शहर में शीत लहर चलने लगी है ,ऐसे में गरीबों के पास अपने बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए साधन नहीं हैं।ठंड के मौसम में गर्म कपड़े की जरूरत सभी को है।समाज के लोगों को जरूतरतमंदों की मदद में आगे आना चाहिए।समाज में रहने वाले सभी व्यक्तियों का यह दायित्व है। यदि हम ठंड के मौसम में किसी को गर्म वस्त्र देते हैं तो इससे बेहतर कोई भी अन्य कार्य नहीं हो सकता है।
डा. नम्रता आनंद ने बताया ,कोई भी जरूरतमंद बेसहारा ठंड के कारण परेशान हो तो तत्काल उसकी सहायता करें।गरीबों एवं असहाय लोगों की मदद करना हर इंसान का फर्ज है।उन्होंने कहा कि भीषण ठंड को देखते हुए वितरण कार्य निरंतर जारी रहेगा। दीदीजी फाउंडेशन के लोग हमेशा जरूरतमंद लोगों की सेवा में तत्पर रहते हैं। ठंड के बढ़ते मौसम में गरीब एवं असहाय की परेशानी को देखते हुए समय-समय पर हमारे फाउंडेशन की ओर से मदद पहुंचाई जा रही है।कड़ाके की ठंड में असहायों की सेवा ही मानवता की सेवा है। बच्चे देश के भविष्य होते हैं। इसलिए हम सभी को उनकी सुरक्षा एवं देखभाल की जिम्मेदारी लेनी होगी। वहीं गर्म कपड़े पाकर सभी बच्चों के चेहरे खिल उठे।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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