विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जीकेसी के गो ग्रीन अभियान के तहत पर्यावरण सप्ताह पटना से सटे कुरथौल क्षेत्र में मनाया गया। इसके तहत 1 सप्ताह से जागरूकता रैली, पेंटिंग प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, वाद विवाद प्रतियोगिता, प्रधानमंत्री को पत्र, वृक्षारोपण, प्रभात फेरी, बक्सवाहा जंगल के नहीं काटने के लिए हीरा नहीं हरियाली चाहिए अभियान एवं निबंध प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया गया। दीदी जी फाउंडेशन के संस्कारशाला के 70 बच्चों ने गो ग्रीन अभियान के तहत 1000 पौधे लगाए। आज आखिरी दिन जागरूकता रैली निकाली गई और वृक्षारोपण किया गया। विभिन्न विधाओं में सक्रिय भागीदारी करने वाले बच्चों के बीच पारितोषिक वितरण भी किया गया। 10 बेस्ट बच्चों को मेडल पहनाकर उनका हौसला बढ़ाया गया। बाकी के साठ बच्चों को सैनिटाइजर और मास्क दिया गया।
मौक़े पर डा. नम्रता ने बच्चों से कहा कि प्रकृति का एक आवरण हमारे चारों ओर हैं,वह हमें हवा,पानी,भोजन सब कुछ देता है, लेकिन मनुष्य उस आवरण को ही नष्ट कर रहा है।निजी स्वार्थ को लेकर जंगलों की अंधाधुंध कटाई से ओजोन परत पतली हो रही है और मानसून का अपना हिसाब किताब गड़बड़ हो रहा है। ऐसे में हमें सावधान होने की जरूरत है। ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस बिहार प्रदेश की अध्यक्षा एवं गो ग्रीन की सह प्रभारी डा. नम्रता आनंद के नेतृत्व में दीदी जी फाउंडेशन के संस्कार शाला के बच्चों ने कुरथौल पंचायत की हर गली में घूम-घूम कर लोगों के बीच पर्यावरण जागरूकता फैलाया। इनका नारा था धरा नहीं, तो सब धरा रह जाएगा।
बक्सवाहा जंगल की कटाई शुरु हुई तो होगा आमरण अनशन
बच्चों ने सबसे कहा कि सबको पेड़ लगाना चाहिए, हमें हीरा नहीं हरियाली चाहिए इसलिए बक्सवाहा जंगल को ना काटा जाए।प्रधानमंत्री के नाम इस आशय का बच्चों ने संदेश भी भेजा। डॉ अमृता आनंद ने कहा विश्व पर्यावरण दिवस को 1 सप्ताह से एक पर्यावरण उत्सव की तरह हम सब मना रहे हैं। हर 500 मीटर पर ऑक्सीजन बैंक बनना चाहिए पीपल, नीम, तुलसी, बरगद लगाना चाहिए। ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस की गो ग्रीन की राष्ट्रीय प्रभारी एवं प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन प्रसाद ने कहा पेड़ पौधे वंदनीय हैं, पृथ्वी को हरा-भरा रखने के लिए पेड़ पौधों का होना जरूरी है। किचन वेस्ट का प्रयोग खाद के रूप में कर के वातावरण को हरा-भरा बनाया जा सकता है।
राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि जंगलों व बंजर भूमि को नया जीवन देकर पेड़ पौधे लगाकर बारिश के पानी को संरक्षित करके और तालाबों के निर्माण करने से हम पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से रिस्टोर कर सकते हैं। डॉ नम्रता आनंद ने बच्चों की जागरूकता रैली को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री से कहा कि बक्सवाहा जंगल की कटाई कहीं से भी उचित नहीं है।यह पर्यावरण संरक्षण के खिलाफ है । अगर बक्सवाहा जंगल की कटाई शुरू होती है तो बिहार के सारे पर्यावरण विदों के साथ बक्सवाहा के लिए निकल जाएंगे और पूरे भारत के पर्यावरण विदों के साथ आमरण अनशन में शामिल होंगी।
उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कुरथौल के प्रधानाध्यापक श्री आनंद कुमार झा ने बच्चों से बहुत बातें की और बच्चों को समझाया की पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बहुत आवश्यक है। जब तक वृक्षारोपण नहीं करेंगे तब तक तब तक प्रकृति से कम हो गई ऑक्सीजन वापस नहीं आएगी। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में राजकुमार, रंजीत ठाकुर, चुन्नू सिंह, मिथिलेश सिंह, जाहिदा नसर ,नीतू शाही ,मनीषा कुमारी, नेहा प्रवीण, अंकित कुमार गौरी कुमारी, सूरज कुमार, सौरभ कुमार आदि कई बच्चों ने महथी भूमिका निभाई।