इसका व्यास 2427 फीट (740 मीटर) तक होने का अनुमान है, जो पृथ्वी की सबसे ऊंची इमारत दुबई स्थित बुर्ज खलीफा (2,722 फीट) के जितना बड़ा है। पृथ्वी के करीब से गुजरते हुए ‘2022 RM4′ एस्टरॉयड 23.4 किलोमीटर प्रति सेकंड या लगभग 84490 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार से यात्रा करेगा। यह साउंड की स्पीड का लगभग 65 गुना है। क्योंकि यह एक बड़ा एस्टरॉयड और काफी नजदीक से होकर गुजरेगा, इसी वजह से इसे ‘संभावित रूप से खतरनाक’ की कैटिगरी में रखा गया है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी इस एस्टरॉयड को लगातार ट्रैक कर रही है। इसकी वजह एस्टरॉयड्स का अपनी गति और दिशा को बदल लेना है। करोड़ों साल पहले धरती से डायनासोर का खात्मा भी एक एस्टरॉयड की वजह से ही हुआ था। अगर कोई एस्टरॉयड पृथ्वी से टकरा जाए, तो वह बड़ा विनाश ला सकता है। यही वजह है कि स्पेस एजेंसी इसे लगातार ट्रैक कर रही है।
एस्टरॉयड्स को लघु ग्रह भी कहा जाता है। हमारे सौर मंडल के ग्रहों की तरह एस्टरॉयड्स भी सूर्य का चक्कर लगाते हैं। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं एस्टरॉयड। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टरॉयड का पता लगा चुके हैं।
ज्यादातर एस्टरॉयड एक मुख्य एस्टरॉयड बेल्ट में पाए जाते हैं, जो मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच है। इनका साइज 10 मीटर से 530 किलोमीटर तक हो सकता है। अबतक खोजे गए सभी एस्टरॉयड का कुल द्रव्यमान पृथ्वी के चंद्रमा से कम है। एस्टरॉयड का आकार अनियमित होता है। कुछ लगभग गोलाकार होते हैं, तो कई अंडाकार दिखाई देते हैं। कुछ एस्टरॉयड तो ऐसे भी हैं, जिनका अपना चंद्रमा है। कई के दो चंद्रमा भी हैं।
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