डॉ डिटुरी ने द इंडिपेंडेंट को बताया कि उन्हें एक सिंगल-कोशिका वाला जीव मिला है। इस जीव के बारे में डिटुरी और उनकी टीम का मानना है कि यह विज्ञान के लिए बिल्कुल नई प्रजाति है। उन्होंने कहा कि लोगों ने इस इलाके के पानी में हजारों बार गोता लगाया है, लेकिन अबतक सिंगल कोशिका वाले इस जीव को नहीं देखा गया था।
हालांकि इस खोज की पुष्टि होना अभी बाकी है। जांच के बाद ही निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकेगा। डिटुरी और उनकी टीम पानी में जिस 100 स्क्वॉयर फुट के कैप्सूल में है, वह एक छोटी सी भी लैब है। डिटुरी और टीम को उम्मीद है कि इस लैब के जरिए वह कुछ और खोजों को दुनिया के सामने ला पाएंगे।
पानी में रहते हुए प्रोफेसर जोसेफ डिटुरी की बारीकी से निगरानी की जा रही है। अक्सर उनके यूरीन और ब्लड के सैंपल लिए जाते हैं। जांच की जाती है कि प्रोफेसर पूरी तरह स्वस्थ हैं या नहीं। साथ ही मनोवैज्ञानिक और एक मनोचिकित्सक भी उन्हें मॉनिटर कर रहे हैं। यह भी देखा जा रहा है कि सीमित वातावरण में रहने का क्या मानसिक असर होता है।
प्रोफेसर डिटुरी 1 मार्च को पानी में उतरे थे। वह पानी में रहने का रिकॉर्ड भी तोड़ने वाले हैं। पानी में रहने का अबतक का सबसे लंबा रिकॉर्ड 73 दिनों का है। इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए प्रोफेसर डिटुरी को 14 मई तक फ्लोरिडा लैगून में रहना होगा। दिलचस्प यह भी है कि प्रोफेसर डिटुरी समुद्र विज्ञानी नहीं है। अमेरिकी नौसेना में 28 साल तक सर्विस करने के बाद उन्होंने बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी हासिल की थी।
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