Reuters ने इन तीनों कंपनियों के प्रवक्ताओं को किंडल ऐप के जरिए अश्लील कंटेंट के एक्सेस और उसे देखने की यूजर्स की क्षमता को लेकर प्रश्न भेजे थे। इन कंपनियों का कहना है कि उनकी आशंकाएं पॉलिसी के उल्लंघनों से जुड़ी थी। हालांकि, इन कंपनियों ने अपने रूल्स के उल्लंघन और एमेजॉन को दी गई चेतावनी के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है। Reuters को इस समस्या के बारे में दो परिवारों ने बताया था। इन परिवारों का कहना था कि उनके बच्चों ने एमेजॉन की अनलिमिटेड ई-बुक सब्सक्रिप्शन सर्विस के जरिए अश्लील कंटेंट को डाउनलोड किया था। इन परिवारों ने अपनी पहचान जाहिर करने से मना कर दिया।
इस बारे में एमेजॉन ने Reuters को एक स्टेटमेंट में बताया है, “हम अपने कस्टमर्स और उनके परिवारों को शॉपिंग और रीडिंग का एक सुरक्षित एक्सपीरिएंस देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेते हैं। हम सभी उपलब्ध जानकारी की समीक्षा कर रहे हैं और हमारे निष्कर्षों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।” एमेजॉन का जिक्र करते हुए एपल ने कहा, “हमने इन आशंकाओं की डिवेलपर को जानकारी दी है और हमारी गाइडलाइंस के उनके ऐप के पालन को सुनिश्चित करने के लिए हम उनके साथ कार्य कर रहे हैं।”
गूगल ने एक स्टेटमेंट में बताया, “गूगल प्ले अश्लील कंटेंट रखने या उसे बढ़ावा देने वाले ऐप्स की अनुमति नहीं देता। हम इस मुद्दे को लेकर डिवेलपर के संपर्क में हैं।” टेक कंपनियों के बीच इस तरह की चेतावनियां बहुत कम देखी जाती हैं। ये कंपनियां आपस में प्रतिस्पर्धा करने के साथ ही बहुत सी सर्विसेज के लिए आपस में निर्भर भी करती हैं। एमेजॉन और किंडल ऐप्स गूगल और एपल के ऐप स्टोर्स पर सबसे अधिक डाउनलोड किए जाने वाले ऐप्स में शामिल हैं। ग्लोबल ई-बुक डिस्ट्रीब्यूटर एमेजॉन के पास इस मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी है। ई-बुक्स को किंडल के डिवाइसेज के अलावा किंडल के मोबाइल ऐप पर भी पढ़ा जा सकता है।
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