एक के बाद एक कई एस्‍टरॉयड्स (Asteroids) पृथ्‍वी के करीब आ रहे हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने चेतावनी देते हुए बताया है कि आज यानी 1 दिसंबर को भी एक एस्‍टरॉयड हमारे ग्रह के बेहद नजदीक आएगा। यह बड़े आकार का एस्‍टरॉयड है, जो पृथ्‍वी से टकराने की स्थिति में बड़ी तबाही मचाने की क्षमता रखता है। करीब 110 फुट चौड़ा यह एस्‍टरॉयड साइज में एक कमर्शल एयरक्राफ्ट के बराबर है और जब पृथ्‍वी के नजदीक से होकर गुजरेगा, तब दोनों के बीच दूरी महज 17 लाख किलोमीटर रह जाएगी।  

रिपोर्टों के अनुसार, 65235 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर कर रहा यह एस्‍टरॉयड मिसाइल से भी ज्‍यादा तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसका नाम ‘2022 WS9′ है, जो एस्‍टरॉयड्स के अपोलो ग्रुप से संबंधित है। जैसाकि नाम से ही पता चलता है इस एस्‍टरॉयड की खोज इसी साल हुई है। इस एस्‍टरॉयड को सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 1655 दिन लगते हैं। इस दौरान सूर्य से इसकी अधिकतम दूरी 693 मिलियन किलोमीटर और निकटतम दूरी 126 मिलियन किलोमीटर होती है।

एस्‍टरॉयड्स को लघु ग्रह भी कहा जाता है। जिस तरह हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्‍कर लगाते हैं, उसी तरह एस्‍टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं एस्‍टरॉयड। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्‍टरॉयड का पता लगा चुके हैं। 

नासा ने एक प्लैनेटरी डिफेंस कोऑर्डिनेशन ऑफिस (पीडीसीओ) की स्थापना की है। यह पृथ्‍वी के लिए संभावित रूप से खतरनाक वस्तुओं जैसे – एस्‍टरॉयड्स और धूमकेतुओं की शुरुआती पहचान करता है। ऐसे एस्‍टरॉयड जो पृथ्‍वी के लिए खतरा बन सकते हैं, उन्‍हें संभावित रूप से खतरनाक की कैटिगरी में रखा जाता है। 

ज्‍यादातर एस्‍टरॉयड एक मुख्‍य एस्‍टरॉयड बेल्‍ट में पाए जाते हैं, जो मंगल और बृहस्‍पति ग्रह के बीच है। इनका साइज 10 मीटर से 530 किलोमीटर तक हो सकता है। अबतक खोजे गए सभी एस्‍टरॉयड का कुल द्रव्‍यमान पृथ्‍वी के चंद्रमा से कम है।

जब किसी एस्‍टरॉयड की खोज होती है, तो उसका नामकरण इंटरनेशनल एस्‍ट्रोनॉमिकल यूनियन कमिटी करती है। नाम कुछ भी हो सकता है, लेकिन साथ में एक नंबर भी उसमें जोड़ा जाता है जैसे- (99942) एपोफिस। कलाकारों, वैज्ञानिकों, ऐतिहासिक पात्रों के नाम पर भी एस्‍टरॉयड का नाम रखा जाता है। 
 

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *