कंपनी के फाउंडर और ग्रुप CEO, Ritesh Agarwal ने एक टाउनहॉल में वर्कर्स को बताया कि भारत के साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन और इंडोनेशिया में मजबूत ग्रोथ के साथ ही यूरोप के वैकेशन होम्स बिजनेस का प्रदर्शन बेहतर होने से कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति में सुधार हुआ है। उनका कहना था कि मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में ओयो का रेवेन्यू लगभग 19 प्रतिशत बढ़कर 5,700 करोड़ से अधिक हो सकता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कंपनी का फोकस टैक्स के बाद प्रॉफिट और कॉस्ट को घटाने पर होगा। इस फाइनेंशियल ईयर के अंत तक कंपनी को 1.72 लाख से अधिक स्टोरफ्रंट्स तक पहुंचने की उम्मीद है। यह पिछले वर्ष 1.69 लाख स्टोरफ्रंट्स से लगभग दो प्रतिशत ज्यादा होगा।
इस बारे में संपर्क करने पर ओयो के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से मना कर दिया। अग्रवाल ने बताया कि कंपनी के पास 2,700 करोड़ रुपये का कैश बैलेंस है। कैश फ्लो में बढ़ोतरी के साथ ओयो की बाहरी फंड पर निर्भरता कम हुई है। कैपिटल मार्केट रेगुलेटर Sebi ने इस वर्ष की शुरुआत में ओयो को इनशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए डॉक्युमेंट्स कुछ बदलाव के साथ दोबारा फाइल करने के लिए कहा था। कंपनी ने 8,430 करोड़ रुपये के IPO के लिए डॉक्युमेंट्स फाइल किए थे। मार्केट में उतार-चढ़ाव के कारण ओयो को IPO लाने में देरी हुई है।
Oyo ने देश में अपने प्रीमियम होटल्स की संख्या दोगुनी करने की भी योजना बनाई है। कंपनी ने बताया कि इस वर्ष इन होटल्स की संख्या लगभग 1,800 बढ़ाई जाएगी। इसके प्रीमियम होटल ब्रांड्स में Townhouse Oak, Oyo Townhouse, Collection O और Capital O शामिल हैं। ओयो के पास देश में लगभग 1,800 प्रीमियम होटल्स हैं। इन होटल्स की संख्या बढ़ाने से कंपनी को बिजनेस ट्रैवल में बढ़ोतरी से फायदा उठाने में मदद मिलेगी। हाल ही में ओयो ने बताया था कि प्रीमियम होटल्स की संख्या उत्तर भारत में दिल्ली और नोएडा, पश्चिम भारत में मुंबई, पूर्वी भारत में कोलकाता और दक्षिण भारत में बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद में बढ़ाई जाएगी।