यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न क्वींसलैंड की ओर से पेश की गई एक रिलीज में नए ग्रह की खोज का जिक्र किया गया है। खास बात ये है कि इस ग्रह का अपना एक तारा भी है। इस खोज को Science नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इस एग्जोप्लेनेट को HIP 99770b नाम दिया गया है। डॉक्टर थाएने क्यूरी के नेतृत्व में इस टीम ने डायरेक्ट इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल किया और इस गैसीय तारे व उसके साथी ग्रह की इमेज बनाई।
टीम में यूनिवर्सिटी के डॉक्टर साइमन मर्फी भी शामिल थे। इन्हें स्टेलर पल्सेशन यानि कि तारों में होने वाली स्पंदन या कंपन का जानकार कहा जाता है। इन्होंने HIP 99770b की डिटेल इमेज बनाने में मदद की। लेकिन यह बहुत मुश्किल काम था क्योंकि यह एग्जोप्लेनेट अपने तारे की चमक में ही कहीं खो जाता है। इसकी गति से वैज्ञानिक हैरान थे। डॉक्टर मर्फी का कहना है कि डायरेक्ट इमेजिंग तकनीक बहुत महत्वपूर्ण काम करती है। लेकिन अभी तक इस तकनीक की मदद से 20 एग्जोप्लेनेट ही खोजे गए हैं।
वहीं, डॉक्टर थाएने क्यूरी का कहना है कि डायरेक्ट इमेजिंग और एस्ट्रॉनॉमी को एक साथ मिलाकर हम किसी एग्जोप्लेनेट को पहली बार इतनी डिटेल में स्टडी कर पाए हैं। यानि कि इस कम्बाइंड तकनीक से अंतरिक्ष वैज्ञानिक किसी एग्जोप्लेनट के वातावरण, उसके वजन और इसके ऑर्बिट तक को ट्रैक कर सकते हैं। इस नई उपलब्धि के बाद शोधकर्ताओं का कहना है कि एक दिन हम धरती के हूबहु भी किसी एग्जोप्लेनेट की खोज इस तकनीक की मदद से कर पाएंगे।
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