पटना/हो चि मिन्ह सिटी, वियतनाम, 6 जनवरी :: विश्व हिन्दी परिषद के महासचिव डॉ. विपिन कुमार को, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अनुशंसा पर वियतनाम बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा हो चि मिन्ह सिटी, वियतनाम में “विश्व हिन्दी सेवा सम्मान” से नवाजा गया। यह सम्मान डॉ. कुमार को उनके अद्वितीय और अव्वल प्रयासों को मान्यता प्रदान के रूप में दिया गया है। विदित हो कि इससे पहले भी डॉ विपिन कुमार को भारत सरकार के प्रतिनिधि एवं वक्ता के तौर पर विश्व हिन्दी सम्मेलन मॉरीशस एवं फिजी का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल चुका है।

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के मुख्य सम्पादक डॉ विश्वरूप रॉय चौधरी के पहल पर इस सम्मान की घोषणा वियतनाम बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा किया गया, जो डॉ. विपिन कुमार के नेतृत्व में ‘विश्व हिन्दी परिषद’ द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित किए गए अधिकतम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलनों को मान्यता प्रदान के रूप में किया है। डॉ. विपिन कुमार ने पिछले दो दशकों से ‘विश्व हिन्दी परिषद’ के महासचिव के रूप में संस्था का नेतृत्व कर रहे है और इस दौरान हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कई महत्वपूर्ण सम्मेलनो का आयोजन भी किया है, जैसे कि हिन्दी दिवस समारोह, विश्व हिन्दी दिवस समारोह, और कवि सम्मेलन….।

डॉ. कुमार ने इस सम्मान को स्वीकार करते हुए हिन्दी प्रेमियों एवं विश्व हिन्दी परिषद के हजारों पदाधिकारियों एवं लाखों समर्पित सदस्यों के सामूहिक प्रयासों और मेहनत की प्रतिबद्धता का परिचायक माना है, जो हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान को विश्व में स्थापित करने में मदद करेगा।डॉ. विपिन कुमार ने हिन्दी के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने इस मौके पर अपने संबोधन में देते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार जताते हुए वैश्विक स्तर पर हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के महत्व को बताया और इसके लिए विश्व समुदाय से समर्थन की आवश्यकता जतायी है।

डॉ. विपिन कुमार का समर्पण एवं प्रतिबद्धता केवल हिन्दी और भारतीय भाषाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनकी कार्यों ने हिन्दी को विश्व में आयुष, मानवाधिकार और सांस्कृतिक समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया है। डॉ. विपिन ने हिन्दी भाषा और साहित्य पर कई पुस्तकों का लेखन भी किया है। इनमें “हिन्दी और समाज”, “सबका साथ, सबका विकास” शामिल है। डॉ. कुमार के इस सम्मान से हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा मिल रहा है और यह हिन्दी भाषा को विश्व स्तर पर एक प्रमुख भाषा के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
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