इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान में विपक्षी दलों ने नेशनल असेंबली बहाल करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए इसे लोकतंत्र और संविधान की जीत करार दिया और लोगों से शुक्रवार को धन्यवाद दिवस मनाने का आह्वान किया है। द डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए विपक्ष ने कहा, यह फैसला इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा, इस फैसले ने आवश्यकता के सिद्धांत के आधार पर दिए गए सभी पुराने फैसलों को दफन कर दिया है। अब कोई भी कयामत तक आवश्यकता के सिद्धांत का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।

उन्होंने इस फैसले को पाकस्तान की 22 करोड़ जनता, लोकतंत्र, संसद और संविधान की जीत बताया हैं। विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार शहबाज शरीफ ने उम्मीद जताई कि संयुक्त विपक्ष सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप अगले चरणों को सुचारू रूप से पूरा करेगा, जबकि विपक्ष एनएबी-नियाजी गठजोड़ तोड़ देगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नेशनल असेंबली को फिर से बहाल करने की घोषणा के बाद सुप्रीम कोर्ट की इमारत के बाहर एकत्र विपक्षी दलों के कई कार्यकतार्ओं ने जश्न मनाया और एक-दूसरे को बधाई दी। विपक्षी समर्थकों ने आतिशबाजी की और वजीर-ए-आजम शहबाज शरीफ और गो नियाजी गो जैसे नारे लगाए, जबकि विपक्षी नेता सुप्रीम कोर्ट से फैसले के बाद जीत के संकेत दिखाते हुए बाहर आए। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के कई नेताओं ने पार्टी कार्यकतार्ओं और सिंध कैबिनेट के सदस्यों के साथ-साथ सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के असंतुष्टों के साथ भी सिंध हाउस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जश्न मनाया।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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