नमस्कार मेरा नाम है माला राज और आप देखना शुरू कर चुके हैं समाचार सार जिसमे हम दिखाते हैं आपको राष्ट्रीय खबरे जिनसे हो आपका सीधा सरोकार. चुनावी मौषम आ चुका है इसलिए कार्यक्रम पर भी असर परा है हमारे सम्पादक महोदय संवाद करने में व्यस्त थे इसलिए 21 जुलाई के बाद आज यह कार्यकर्म पुनः शुरू हो पा रहा है उम्मीद है सुचारू रहेगा बहरहाल बढ़ते हैं कार्यकर्म की और
ये एपिसोड 23 है तारीख है 31 जुलाई 2023 बढ़ते है खबरों की और
सबसे पहले आज 31 जुलाई 2023 के मुख्य समाचार
- अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा न कर सरकार संसद का अपमान कर रही: कांग्रेस
- Manipur में महिलाओं ने मोरेह से राज्य पुलिस बलों को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया
- Supreme Court में Article 370 पर सुनवाई से पहले Amit Shah ने अपने बयान से दिये बड़े संकेत
- Gyanvapi मामले पर CM Yogi के बयान पर Owaisi का पलटवार, बोले- क्या मुख्यमंत्री कानून को मानेंगे या नहीं
- Manipur violence के पीछे अफीम की खेती और नार्को आतंकवाद, CJI ने याचिका पर सुनवाई से किया इनकार
- मेरे परिवार का कोई सदस्य डब्ल्यूएफआई चुनाव में दावेदारी पेश नहीं कर रहा: बृज भूषण
- Bihar : अवैध मिनी गन फैक्टरी का भंडाफोड़, 20 पिस्तौल और 40 मैग्जीन बरामद
- Excise Policy Case: मनीष सिसोदिया ने बैंक से पैसे निकालने की कोर्ट से मांगी थी अनुमति, ईडी को नोटिस जारी
अब समाचार विस्तार से
- कांग्रेस ने सोमवार (31 जुलाई) को सरकार पर विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा न करके और इसके बजाय सदन में विधेयक लाकर संसद का अपमान करने का आरोप लगाया।लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार को पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करानी चाहिए. उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों से हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करने और वहां की स्थिति को स्वयं समझने का भी आग्रह किया।मणिपुर में हिंसा को लेकर संसद में गतिरोध और विपक्ष की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में बयान देने की मांग के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि वह इस मामले पर संसद में चर्चा का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
विपक्ष ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया जिसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री को संसद में मणिपुर हिंसा मुद्दे पर बोलने के लिए अंतिम प्रयास के रूप में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
“हम सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं और इस पर लोकसभा में चर्चा शुरू की जानी चाहिए। हमें सदन में किसी भी अन्य सरकारी कामकाज पर चर्चा करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा पहले शुरू होनी चाहिए।” श्री चौधरी ने संवाददाताओं से कहा।
“अविश्वास प्रस्ताव का अपना महत्व है और अगर सरकार सभी प्रकार के विधेयक और नीतियां ला रही है, तो मुझे लगता है कि यह संसद का अपमान है। ऐसी स्थिति कभी नहीं आई है जहां अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया हो और सभी प्रकार की अन्य चर्चाएँ हो रही हैं,” उन्होंने कहा।
कांग्रेस सांसद ने सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव को कमजोर करने और अन्य मुद्दे उठाकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार सभी विधेयक लाए, लेकिन कम से कम अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करे। क्या आसमान गिर जाएगा या भूकंप आ जाएगा।”
यह पूछे जाने पर कि क्या बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की कोई बैठक बुलाई गई है, उन्होंने ना में जवाब दिया.
श्री चौधरी, जो विपक्षी गठबंधन भारत के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जो संघर्षग्रस्त राज्य की स्थिति का आकलन करने के लिए मणिपुर गए थे, ने स्थिति को “गंभीर” बताया।
उन्होंने कहा, “अगर सत्ताधारी पार्टी के सांसद वहां जाएं और खुद स्थिति देखें तो वे आकस्मिक बयान नहीं देंगे।”
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चुराचांदपुर में महिलाओं के प्रदर्शन से एक दिन पहले रविवार को विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) ने कहा था कि अगर मणिपुर में जातीय संघर्ष की समस्या को जल्द हल नहीं किया गया, तो पूरे देश के समक्ष सुरक्षा संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
इंफाल। मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में सोमवार को एक हजार से अधिक महिलाओं ने मोरेह कस्बे से राज्य पुलिस बलों को हटाने की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया।
मांग पूरी न होने पर इन महिलाओं ने राज्य के सभी पर्वतीय जिलों में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।
कुकी-ज़ो समुदाय की हजारों महिलाओं ने पुलिस बलों को म्यांमार की सीमा से सटे मोरेह कस्बे में दाखिल होने से रोकने के लिए 28 जुलाई को वहां जाने वाली सड़क को अवरुद्ध किया था।भारतीय रिजर्व बटालियन और मणिपुर राइफल्स सहित अन्य सुरक्षा बलों का दस वाहनों का एक काफिला जब मोरेह कस्बे की तरफ बढ़ रहा था, तब महिलाओं ने उसे तेंगनौपाल में रोक दिया था। चुराचांदपुर में महिलाओं के प्रदर्शन से एक दिन पहले रविवार को विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) ने कहा था कि अगर मणिपुर में जातीय संघर्ष की समस्या को जल्द हल नहीं किया गया, तो पूरे देश के समक्ष सुरक्षा संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
गैर-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दलों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के हालात का जायजा लेने के लिए शनिवार को वहां पहुंचा था। प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री पर पूर्वोत्तर के इस राज्य में लगभग तीन महीने से जारी जातीय संघर्ष पर ‘चुप्पी’ साधकर ‘निर्लज्ज उदासीनता’ बरतने का आरोप लगाया था।
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।3. सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून 2019 को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं न्यायालय में दायर की गयीं, जिन्हें अदालत की संविधान पीठ के पास सुनवाई के लिए भेज दिया गया था।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के विरोध में दायर की गयी याचिकाओं पर सुनवाई से ठीक पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अनुच्छेद 370 को हटाया जाना मोदी सरकार की एक बड़ी कामयाबी है। मध्य प्रदेश के इंदौर में रविवार को भाजपा की एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने (जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले) अनुच्छेद 370 को 70 साल तक गोदी में अपने बच्चे की तरह पाल कर रखा था, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह अनुच्छेद हटाकर कश्मीर को भारत के साथ जोड़ दिया।
हम आपको बता दें कि प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पांच न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ दो अगस्त से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इससे पहले, अमित शाह का यह बयान दर्शा रहा है कि सरकार अपने फैसले के विरोध में दायर याचिकाओं का पुरजोर विरोध करेगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों के खिलाफ ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ और अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण सरीखे मामलों में भी मोदी सरकार के कदमों की सराहना की। उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ”2004 से 2014 के बीच संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में पाकिस्तान से आतंकी (भारत) आते थे और वारदातों को अंजाम देकर चले जाते थे, लेकिन तब केंद्र की सरकार उफ्फ तक नहीं करती थी।” शाह ने लोगों से पूछा, ‘‘कांग्रेस अपना नाम बदल ले, फिर भी क्या आप इस पार्टी को वोट दे सकते हैं?’’
हम आपको याद दिला दें कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को पूवर्वर्ती जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेते हुए राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। सरकार के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून 2019 को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं न्यायालय में दायर की गयीं, जिन्हें अदालत की संविधान पीठ के पास सुनवाई के लिए भेज दिया गया था। 11 जुलाई को शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को वापस लेने के फैसले को चुनौती देने वाले विभिन्न आवेदनों पर दो अगस्त से रोजाना सुनवाई की जाएगी। उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न पक्षों द्वारा लिखित अभिवेदन दाखिल करने की समयसीमा 27 जुलाई तय की थी।
4. अपने बयान में ओवैसी ने कहा कि मुख्यमंत्री यह जानते हैं कि मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एएसआई सर्वे का विरोध किया है। इस मामले में कुछ दिन में फैसला भी सुनाया दिया जाएगा। फिर भी उन्होंने इस तरह का बयान दिया है, यह न्यायिक अतिरेक है।
ज्ञानवापी परिसर मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई जारी है। इन सब के बीच आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसा बयान इसके बाद राजनीति शुरू हो गई है। योगी आदित्यनाथ के बयान पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी पलटवार किया है। अपने बयान में ओवैसी ने कहा कि मुख्यमंत्री यह जानते हैं कि मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एएसआई सर्वे का विरोध किया है। इस मामले में कुछ दिन में फैसला भी सुनाया दिया जाएगा। फिर भी उन्होंने इस तरह का बयान दिया है, यह न्यायिक अतिरेक है। इसके साथ ही ओवैसी ने 1991 के एक्ट का भी जिक्र किया।
ओवैसी का वार
ओवैसी ने कहा कि प्लेसेस ऑफ वॉरशिप एक्ट को सभी को मानना होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उसे नकार नहीं सकते। उन्होंने कहा कि आप मुख्यमंत्री हैं, आपको कानून को पालन करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि योगी को पढ़ना चाहिए कि विवेकानंद ने ओडिशा के एक मंदिर को लेकर क्या कहा था। आप कानून का पालन नहीं करना चाहते। आप मुसलमानों पर दबाव डालना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जिस जगह 400 साल से मंदिर है, आप उस जगह पर दबाना चाहते हैं। ओवैसी ने कहा कि आप 400 साल पीछे जाना चाहते हैं या फिर देश को 100 साल आगे ले जाना चाहते हैं।
योगी ने क्या कहा था
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर को मस्जिद नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम पक्ष को अपनी ऐतिहासिक गलती स्वीकार करनी चाहिए और समाधान के लिए आगे आना चाहिए। योगी ने आगे कहा कि हमने तो इसे वहां नहीं रखा है। वहां ज्योतिर्लिंग है, भगवान की मूर्तियां हैं, दीवारें चिल्ला रही हैं और मुझे लगता है कि मुस्लिम पक्ष को अपनी ऐतिहासिक गलती स्वीकार करनी चाहिए और समाधान का प्रस्ताव देना चाहिए।
7. पटना स्थित राज्य पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ ने खगड़िया जिले के मानसी थाना क्षेत्र के फांगो गांव में अवैध मिनी गन फैक्टरी का भंडाफोड़ करते हुए एक हथियार तस्कर को कई अवैध हथियारों और हथियार बनाने वाले उपकरणों के साथ रविवार को गिरफ्तार किया।
पटना/खगड़िया। बिहार के खगड़िया जिले में विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने जिला पुलिस के सहयोग से एक अवैध मिनी गन फैक्टरी का भंडाफोड़ करते हुए 20 पिस्तौल और 40 मैग्जीन सहित अन्य हथियार बरामद किए हैं।
पटना स्थित राज्य पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ ने खगड़िया जिले के मानसी थाना क्षेत्र के फांगो गांव में अवैध मिनी गन फैक्टरी का भंडाफोड़ करते हुए एक हथियार तस्कर को कई अवैध हथियारों और हथियार बनाने वाले उपकरणों के साथ रविवार को गिरफ्तार किया।खगड़िया पुलिस ने बताया कि छापेमारी के दौरान 18 पिस्तौल, 40 मैग्जीन, दो देशी पिस्तौल, एक ग्राइंडर मशीन, एक वेल्डिंग मशीन और हथियार बनाने वाले अन्य उपकरण बरामद किए गए।
जिला पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार हथियार तस्कर का नाम मोहम्मद तनवीर है और वह मुंगेर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरदह गांव का रहने वाला है।8. विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया। कोर्ट इस अर्जी पर 4 अगस्त को सुनवाई करेगी। सिसौदिया ने रकम निकालने की इजाजत मांगी है क्योंकि बैंक कोर्ट के लिखित आदेश के बिना रकम निकालने की इजाजत नहीं दे रहा है।
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की उस याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी के इलाज और अन्य घरेलू खर्चों के लिए बैंक खाते से कुछ रकम निकालने की अनुमति मांगी थी। इस अकाउंट को ईडी ने सीज कर दिया है। विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया। कोर्ट इस अर्जी पर 4 अगस्त को सुनवाई करेगी। सिसौदिया ने रकम निकालने की इजाजत मांगी है क्योंकि बैंक कोर्ट के लिखित आदेश के बिना रकम निकालने की इजाजत नहीं दे रहा है।
वकील ने क्या कहा
सिसोदिया की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद इरशाद ने कहा कि बैंक उन्हें चिकित्सा और अन्य खर्चों के लिए आवश्यक राशि निकालने की अनुमति नहीं दे रहा है। इस बीच, अदालत ने सीबीआई को शेष आरोपियों को दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। अदालत को सूचित किया गया कि कुछ आरोपी व्यक्तियों को दस्तावेज़ पहले ही उपलब्ध करा दिए गए हैं। आगे की सुनवाई के लिए अगली तारीख 22 अगस्त है। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने आरोपी अर्जुन पांडे की जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि 44 करोड़ रुपये के लेनदेन में उसकी अहम भूमिका है। वह साउथ लॉबी को लेकर चल रही जांच में बाधा डाल सकते हैं।
साउथ लॉबी के कुछ और लोग बेनकाब होंगे!
दिल्ली की अदालत ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए आपसे कहा कि आरोपपत्र दाखिल करने से पहले सारे सबूत आपके पास हों, लेकिन आपने इस आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। सीबीआई ने कहा कि उन्हें एक समाचार चैनल से परामर्श के रूप में 60 लाख रुपये मिले। उनके वकील ने कहा कि आरोपी एक मीडिया प्रोफेशनल है, वह एक न्यूज चैनल का मार्केटिंग हेड था। वह एक वृत्तचित्र फिल्म निर्माता और पर्यावरणविद् हैं। सीबीआई ने कहा कि साउथ लॉबी के कुछ और लोग बेनकाब होने वाले हैं। हम पांचवां पूरक आरोपपत्र दाखिल करेंगे और सभी दस्तावेज जमा करेंगे। सीबीआई ने यह भी कहा कि कुछ आरोपी व्यक्तियों को पूरक आरोप पत्रों की प्रतियां पहले ही मुहैया करा दी गई थीं। सात आरोपियों के संबंध में दस्तावेजों की जांच भी पूरी हो गई है।
” घड़ी का इशारा हो गया है वैसे तो कुछ राष्ट्रीय खबरे रह गई है जिसको पढने के लिए आप हमारी website डब्लू डब्लू डॉट aware news 24 डॉट com का रुख कर सकते हैं राष्ट्रीय खबरों के बुलेटिन का सिलसिला आज यही खत्म होता है कल फिर मिलेंगे रात के 9 बजे aware news 24 के डिजिटल प्लेटफार्म पर, खबरों का सिलसिला यहाँ पर थमता नही. भरोषा और विश्वास बनाये रक्खे कल फिर होगी मुलाक़ात जब घड़ी में बजेगे रात्री के 9 अब मुझे यानी मला राज को दे इजाजत
शुभ रात्री