पहले तीन स्थानों पर छात्राओं का कब्जा
79.88 प्रतिशत छात्र हुए पास
मिनीमेट्रो न्यूज़, पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस बार कुल 79.88 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार, एवं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनन्द किशोर मौजूद थे।
मैट्रिक में एक बार फिर से लड़कियों ने बाजी मारी है। पहले तीनों स्थान पर छात्राओं ने कब्जा जमाया है। पटेल हाई स्कूल दाउदनगर, औरंगाबाद की रामायणी राय ने 500 में 487 अंक यानी 97.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त किया है। वहीं, दूसरे नंबर दो परीक्षार्थी नवादा की सानिया कुमारी और मधुबनी के विवेक कुमार ठाकुर संयुक्त रूप से 486 अंक हासिल किया। तीसरे नंबर पर औरंगाबाद की प्रज्ञा कुमारी हैं, जिसे 485 नंबर मिला है। 484 नंबर पाकर पटना महादेव हाईस्कूल के निर्जला कुमार चौथे नंबर पर हैं। पांचवें स्थान पर सर्वोदय हाईस्कूल अगिआंव भोजपुर के अनुराग कुमार, उत्क्रमित एमएस मिजार्गंज अलीगंज जमुई के सुसेन कुमार और केरई उच्च माध्यमिक विद्यालय के निखिल कुमार तीन छात्र हैं। तीनों ने 483 अंक हासिल किए हैं। मेरिट लिस्ट के टॉप-10 में 39 और टॉप-5 में आठ विद्यार्थी हैं। इस बार 10वीं की परीक्षा में 16 लाख 11 हजार 099 विद्यार्थी शामिल हुए थे। इनमें 8 लाख 20 हजार 179 छात्र और 7 लाख 90 हजार 920 छात्राएं थीं। इनमें से कुल 12 लाख 86 हजार 971 परीक्षार्थी पास हुए हैं। 6 लाख 78 हजार 110 छात्र और 6 लाख 8 हजार 861 छात्राएं पास हुई हैं। 4 लाख 24 हजार 597 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी, 5 लाख 10 हजार 411 द्वितीय और 3 लाख 47 हजार 637 विद्यार्थी तृतीय श्रेणी से उतीर्ण हुए हैं। सरकार मैट्रिक स्तर पर मेधा को प्रोत्साहित करने के लिए फर्स्ट टॉपर को एक लाख रुपए, लैपटॉप और किंडल ई बुक रीडर प्रदान करेगी। सेकेंड टॉपर को सरकार 75 हजार रुपए , एक लैपटॉप और किंडल ई बुक रीडर देगी। थर्ड टॉपर को सरकार 50 हजार रुपए ,एक लैपटॉप और किंडल ई बुक रीडर देगी। इनके अलावा 10 वीं रैंक तक आने वाले को स्टूडेंट्स को भी सरकार किसी न किसी रुप में प्रोत्साहित करेगी। परीक्षा में टॉप 5 में 8 परीक्षार्थियों ने जगह बनाई तो वहीं टॉप 10 में 47 विद्यार्थी रहे।
सबसे कम दिनों में परिणाम देने का बना रिकॉर्ड : आनंद किशोर
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के इतिहास में यह पहला अवसर है। जब मैट्रिक परीक्षा का परीक्षा फल मार्च महीने में जारी किया गया है। इस प्रकार समिति के इतिहास में मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट जारी करने का यह सबसे कम दिनों का रिकॉर्ड है। इससे पूर्व समिति द्वारा वार्षिक माध्यमिक परीक्षा का परीक्षा फल 2020 में 5 अप्रैल को तथा 2019 में 6 अप्रैल को जारी हुआ था। इस वर्ष मात्र 34 दिनों में मैट्रिक परीक्षा का परिणाम आया है।
समावेशी शिक्षा नीति साकार होता दिख रहा : विजय कुमार चौधरी
मैट्रिक परीक्षा 2022 का परिणाम जारी करते हुए मुझे बेहद प्रसन्नता है। प्रसन्नता कई कारणों से है। हम समझते हैं कि उन कारणों पर आप भी गौर करेंगे, तो आप भी गर्व करेंगे। बिहार विद्यालय परीक्षा समीति लगातार चौथे वर्ष पूरे देश भर में परीक्षा लेने से लेकर रिजल्ट घोषित करने में अव्वल रही है। ये कोई एक साल की बात नहीं है। हम परीक्षा लेने में और परिणाम समय पर घोषित करने में अपना स्टैंडर्ड बरकरार रखे हैं। इसके लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति प्रशंसा की हकदार है। मंत्री ने कहा कि 70 से 80 लाख लोग इस परिणाम को लेकर इंतजार कर रहे थे। आज इतने घरों में खुशियां मनेगी। एक बार फिर लड़कियों ने बेहतर किया है। यह प्रदेश के लिए सुखद संकेत हैं। अब बिहार बोर्ड के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है। इसके लिए मंत्री ने कुछ उदाहरण का भी जिक्र किया। मंत्री ने कहा है कि परिणाम बहुत ही बेहतर है। समावेशी शिक्षा नीति अब स्पष्ट रूप से साकार होता दिख रहा है। मंत्री ने कहा कि असफल छात्रों को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। आगे उनके पास मौका होगा। मेहनत कर कामयाबी हासिल करेंगे।