“लाल सिंह चड्डा“
एक औसत दर्जे की फिल्म जिसे उस साइड के लोग बढ़ा चढ़ा कर कह रहे हैं की बड़ी अच्छी फिल्म है ! इस साइड के लोग बिना देखे ही विरोध दर्ज कर रहे हैं ! कहानी एक फौजी है जो मानसिक तौर पर उतना समझदार नही है फिल्म मे इंदिरा गांधी के निधन ऑपरेशन ब्लू स्टार से लेकर अन्ना आंदोलन तक क्या क्या हुआ उसे भी दिखाया गया है ।
इस फिल्म को और बेहतर और एंटरटेनिंग बनाया जा सकता था, फिल्म बोर अधिक और एंटरटेन कम करती है । फिल्म का पहला हाफ देखने के बाद आप इंटरवल के बाद दुबारा फिल्म नही देखने जाएंगे ।
फिल्म जो भी कमाई कर रही है वो आलोचना के कारण क्योंकि कभी कभी जरूरत से अधिक आलोचना फिल्म को अधिक कमाई की ओर ले जाती है । आमिर खान ने जिस प्रकार की फिल्म पीके और थ्री ईडियट्स बनाई थी उसके सामने ये फिल्म कही भी नही टिकती ।
मुझे पी के बढियाँ ही लगा था एकदम 5 में से 5 स्टार वाली फिल्म थी एक दर्शक के तौर पर आमिर खान से यह उम्मीद ना थी , जिस प्रकार से आलोचना हो रही थी फिल्म की मुझे बड़ी बेशब्री से इन्तजार था इस फिल्म से सोचा था देखकर अपनी प्रतिकिरिया व्यक्त करूंगा मगर देखने के बाद मुझे यह एक औसत दर्जे की फिल्म लगी जो की आमिर के कद से दूर दूर तक मैच नहीं करती खराब डायरेक्शन और सिनेमेटोग्राफी स्टोरी में भी उतना दम नही आमिर और करीना की एक्टिंग ठीक ठाक है मगर खराब कहानी के सामने कोई कर भी क्या सकता है |
नोट :- अब अगर आप उस साइड के हैं तो हमे गरिया सकते हैं और इस साइड के हैं फिर भी आमिर खान की तारीफ़ की वजह से गरिया सकते हैं मुझे |
आपको यह फिल्म जबरदस्ती देखनी पर सकती है । इस फिल्म को हमारी ओर से 5 मे से 1.5 स्टार ।