लखनऊ. पूर्वांचल की थाती लोककला और पारंपरिक संस्कार गीतों और संस्कृतियों को संजोए हुए एक प्रतिष्ठित फिल्म व रंगमंच कलाकार, लेखक, निर्देशक अरविंद चित्रांश ने पूर्वांचल के सांस्कृतिक सौंदर्य का एक खाका अपने द्वारा लिखित लोकनाट्य ‘बिटिया की विदाई’ का सशक्त कलात्मक संयोजन करते हुए दुनिया में कला और संस्कृतियों के अस्तित्व को व्यापक विस्तार देने की भागीरथी प्रयास किए हैं,
पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम जी ने अरविंद चित्रांश द्वारा लिखित/निर्देशित लोकनाट्य ‘बिटिया का विदाई’ का अवलोकन करते हुए कहा कि देश विदेश में पर्यटन संस्कृति को विकसित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार, पर्यटन को एक जन उपयोगी उद्योग के रूप में विकसित कर रही है, जिससे धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, शिल्पकला और लोककला के महत्व के प्रदर्शन द्वारा पर्यावरण संरक्षित वातावरण के सृजन से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें, अरविंद चित्रांश ने कहा कि पूर्वांचल की धरती आजमगढ़ मंडल में भी सांस्कृतिक पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं, पर्यटकों को यहां की गौरवशाली संस्कृति, इतिहास और शिल्पकला और लोककला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पर्यटन स्थल के रूप में रेखांकित किया जाए, ताकि इस क्षेत्र के लोगों को भी लाभ मिल सके.