इंजीनियरिंग छात्रा आकांक्षा ने अपने इनोवेटर पिता की मदद से मेडी रोबोट बनाकर सुर्खियां बटोरी
पटना, 22 मई । बीआईटी, दुर्ग की फाईनल ईयर की इंजीनियरिंग छात्रा आकांक्षा ने अपने इनोवेटर पिता योगेश कुमार की मदद से डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मी को कोविड-19 की महामारी से बचाने की मुहिम में एक अनोखा मेडी रोबोट बनाया है।
अदृश्य और बहरूपिया शत्रु कोरोना वायरस से मानव सभ्यता को बचाने की मुहिम में लाखों डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी भी प्रभावित हुए हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आई एम ए)के अनुसार देश में 40 प्रतिशत डॉक्टर संक्रमित हैं और हजारों डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मी की मृत्यु हुई है और इसे देखते हुए इंजीनियरिंग छात्रा आकांक्षा ने अपने इनोवेटर पिता योगेश कुमार की मदद से मेडी रोबोट बनाकर इन दिनों सुर्खियां बटोर रही हैं।
यह रोबोट बिना डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मी के संक्रमित व्यक्ति के पास गए हीं उनको दवा, खाना, पानी इत्यादि पहुंचा सके, साथ ही उनका बेसिक स्वास्थ परीक्षण कर सके। इसके पूर्व भी पिता पुत्री की जोड़ी ने कोरोना से बचाव की मुहिम में अपने घर को कोरोना सुरक्षित घर बनाने के लिए कई अनोखे इनोवेटिव उपकरण बनाए हैं।
इस संबंध में पूर्व राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी प्रशिक्षक और अब क्रियेटिव मैन के नाम से लोकप्रिय योगेश ने शनिवार को यूनीवार्ता को बताया कि देश में ऑक्सिजन, दवा, बेड जैसे संसाधनों की कमी थी, जिसे काफी हद तक पूरा कर लिया गया है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या है, डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी की। ज्यादातर डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी कोरोना से संक्रमित मरीज के इलाज के दौरान संक्रमित हुए हैं और उनकी मौत भी हो रही है। जब हमें बचाने वाले हीं सुरक्षित नहीं रहेंगे तो हमलोग कैसे सुरक्षित रहेंगे।