यूनिसेफ द्वारा आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को मिला बल

पटना | हाल ही में, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार द्वारा टीकाकरण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए शुरू किए गए टीका एक्सप्रेस (मोबाइल टीकाकरण वैन) पहल का यूनिसेफ सहयोग कर रहा है। इस शहरी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत यूनिसेफ के सहयोग से 40 टीका एक्सप्रेस द्वारा पटना नगर निगम के अंतर्गत आने वाले सभी शहरी इलाकों में 15 दिनों के लिए टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। इसकी बदौलत लोगों को अपने घर के समीप ही टीका लगवाने का मौक़ा मिलेगा और भीड़-भाड़ से भी बचाव होगा। प्रत्येक टीका एक्सप्रेस में 2 वैक्सीनेटर और 1 सत्यापनकर्ता होता है। जहां पटना नगर निगम पर लोगों को जागरूक व लामबंद करने की जिम्मेदारी है, टीकाकरण स्थल की व्यवस्था संबंधित वार्ड पार्षदों द्वारा की जा रही है। उपलब्धता के आधार पर प्रत्येक वार्ड में सामुदायिक भवन या विवाह भवन में टीकाकरण की व्यवस्था की जा रही है। इस पहल के तहत केवल 45 वर्ष से अधिक आयु के लोग ही टीकाकरण के पात्र हैं। प्रतिदिन 200 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है और टीका एक्सप्रेस के ज़रिए टीका लगवाने वालों लोगों की संख्या में दिन-ब-दिन इज़ाफ़ा हो रहा है।

टीका एक्सप्रेस की सराहना करते हुए यूनिसेफ बिहार की राज्य प्रमुख, नफीसा बिंते शफीक ने कहा कि इस पहल से शहरी लाभार्थियों के बीच कोविड टीकाकरण में सुधार होगा और वर्ष के अंत तक सभी के टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। यूनिसेफ सरकार को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। दुनिया भर में हमारे दानकर्ताओं और समर्थकों की मदद से हम ऑक्सीजन उत्पादित करने वाले संयंत्र और ऑक्सीजन सांद्रता और अन्य आवश्यक आपूर्ति हासिल कर सरकार तक पहुंचाने में सफल हो सके हैं. कोविड-19 से गंभीर रूप से पीड़ित लोगों के लिए समय पर ऑक्सीजन की उपलब्धता उन्हें जीवनदान दे सकता है। स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को मजबूत करके सरकार वर्तमान आपातकाल के साथ-साथ लंबी अवधि में स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों की सुदृढ़ संरचना स्थापित कर सकती है।

 

बच्चों के व्यापक हित को देखते हुए कोविड-19 टीकाकरण और नियमित टीकाकरण का समर्थन करने के लिए यूनिसेफ ने कोल्ड चेन उपकरण खरीदकर सरकार को आपूर्ति की है। इनमें 2 वॉक इन फ्रीजर, 62 बड़े और 2 छोटे डीप फ्रीजर, 290 बड़े और 81 छोटे आइस लाइन रेफ्रिजरेटर, 1800 कोल्ड बॉक्स, 2000 फ्रीज मुक्त टीका वाहक आदि शामिल हैं। पिछले दो महीनों में इन वस्तुओं की आपूर्ति राज्य वैक्सीन स्टोर (एसवीसी), एनएमसीएच, पटना को की गई और बाद में विभिन्न जिलों में वितरित की गई। इसके अलावा, मई में गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक वॉल माउंटेड मास थर्मल स्कैनर स्थापित करने के साथ-साथ जून में 2 आरटी-पीसीआर मशीनें वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर में स्थापित की गई हैं। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग को 5,50,000 ट्रिपल लेयर मास्क, 26478 हैण्ड टॉवल और 2655 पानी की बोतलें भी आपूर्ति की गईं हैं। आने वाले दिनों में 300 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, आरएनए एक्सट्रैक्टर्स के अलावा 3 आरटी-पीसीआर सिस्टम, 5 ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट की भी आपूर्ति की जाएगी। इन सभी वस्तुओं (पहले से आपूर्ति की गई और लंबित) की लागत लगभग 23 करोड़ होगी।

यूनिसेफ द्वारा उपलब्ध करायी जा रही तकनीकी सहायता और आवश्यक आपूर्ति की सराहना करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने संगठन को धन्यवाद दिया। उन्होंने यूनिसेफ़ द्वारा स्वास्थ्य विभाग को 100 ऑक्सीजन सांद्रक की आपूर्ति का विशेष रूप से उल्लेख किया।

यूनिसेफ बिहार के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ सिद्धार्थ रेड्डी ने कहा कि हमारी टीम कोल्ड चेन, टीकाकरण योजना और निगरानी, प्रत्याशित तीसरी लहर जिससे बच्चों को सबसे अधिक प्रभावित होने की उम्मीद है आदि को लेकर बेहतर तैयारी हेतु स्वास्थ्य विभाग को तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है। आरएमएनसीएचए (प्रजनन, मातृ, नवजात, बाल और किशोर स्वास्थ्य) को मजबूत करना एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां यूनिसेफ सरकार को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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