पटना, 19 अक्तूबर: “मैं प्रौद्योगिकी और नवाचार पर केंद्रित ऐसे महत्वपूर्ण समिट की संकल्पना और आयोजन के लिए जी.टी.आर.आई. को बधाई देता हूं। मैं यह देखकर अभिभूत हूं कि देश के जाने-माने तकनीकी विशेषज्ञ, उद्यमी और स्टार्टअप लीडर इस आयोजन में भाग लेने आए हैं। यह बिहार के लिए एक शुभ संकेत है। वैसे तो हमारी सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और सर्वांगीण विकास के लिए लगातार काम कर रही है, लेकिन इस अहम कार्य में दूसरों का सहयोग भी बहुत जरूरी है। इस संदर्भ में जी.टी.आर.आई. ने सराहनीय प्रयास किए हैं। महज तीन वर्षों की छोटी सी अवधि में इस फोरम ने देश के कई शीर्ष उद्योगपतियों को बिहार में आमंत्रित किया है और राज्य की आर्थिक संभावनाओं और अवसरों पर सार्थक चर्चा को प्रोत्साहित किया है। ऐसे प्रयास न केवल बिहार के बारे में बनी नकारात्मक छवि को दूर करने में मदद करते हैं, बल्कि युवाओं की सोच को बदलने और उन्हें उद्यमिता की ओर प्रेरित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दूसरे शब्दों में, ‘परसेप्शन चेंज’ के मद्देनजर इस तरह के प्रयास बहुत महत्वपूर्ण हैं।”

उक्त बातें उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने होटल लेमन ट्री प्रीमियर में ग्रैंड ट्रंक रोड इनिशिएटिव्स (जीटीआरआई) द्वारा आयोजित आइडियाज़ फ़ॉर बिहार: एन इनोवेशन समिट’ के तीसरे संस्करण के उद्घाटन सत्र में कहीं। उन्होंने आगे कहा कि प्राचीन काल से ही बिहार में नवाचार का समृद्ध इतिहास रहा है और यह हमारी जीवनशैली का अहम हिस्सा रहा है। मुझे विश्वास है कि यह समिट बिहार को नवाचार में अग्रणी बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। मैं यह भी दोहराना चाहूंगा कि राज्य सरकार से जो भी सहयोग अपेक्षित होगा, हम उसे देने में पीछे नहीं हटेंगे। इस दौरान उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव तथा बिहार के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान बिहार निवासी और जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल में सहायक प्रोफेसर डॉ निखिल नरेन द्वारा लिखित ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड लॉ’ नामक पुस्तक का उपमुख्यमंत्री द्वारा विमोचन किया गया। चार तकनीकी सत्रों में तकनीक-आधारित उद्यमिता, एडटेक और कौशल विकास और विकसित बिहार के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे के निर्माण जैसे प्रमुख विषयों पर उद्योग जगत के नेताओं और डोमेन विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की गई।
बिहार में उद्योग परिदृश्य के बारे में बात करते हुए उद्योग एवं पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार बिहार में उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए अथक प्रयास कर रही है। प्रौद्योगिकी के यथोचित इस्तेमाल के अलावा, उद्यमिता को बढ़ावा देना इस संबंध में बेहद महत्वपूर्ण है। स्टार्टअप के क्षेत्र में भी बिहार में असीम संभावनाएं हैं और हम स्टार्टअप सिस्टम को अधिक से अधिक लचीला बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। यह समिट इस दिशा में एक सार्थक क़दम है। बिहार एक युवा राज्य है और इसके मद्देनज़र नौकरी और उद्यम को लेकर उनकी सोच में सकारात्मक बदलाव लाना भी हमारी प्राथमिकता है। हमने तकनीक का इस्तेमाल कर ‘माय ब्लॉक, माय प्राइड’ नमक एक पोर्टल लॉन्च किया है जिसपर बिहार के निवासी अपने ब्लॉक के विकास संबंधी ज़रूरतों पर अपनी राय दे सकते हैं। हम अन्य कार्यक्रमों में भी तकनीक का अधिकाधिक प्रयोग कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि ‘विकसित भारत 2047’ में बिहार की अहम भूमिका होगी।

जीटीआरआई के क्यूरेटर अदिति नंदन ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। इस शिखर सम्मेलन के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के नेता और डोमेन विशेषज्ञ डिजिटल युग में नवाचार को बढ़ावा देने, प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग और बिहार की अर्थव्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिए उद्यमिता की संस्कृति को प्रोत्साहित करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर मंथन करेंगे। जीटीआरआई की यात्रा और इसकी उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि जीटीआरआई राज्य का एकमात्र ऐसा विशिष्ट मंच है जो देश के शीर्ष उद्योगपतियों को एक साथ लाता है और बिहार की आर्थिक क्षमता और अवसरों के बारे में सार्थक चर्चाओं को बढ़ावा देता है। जीटीआरआई ने 100 से अधिक अग्रणी कंपनियों को बिहार में आकर्षित किया है और राज्य में व्यापार विस्तार और निवेश पर केंद्रित महत्वपूर्ण संवाद और चर्चाएँ शुरू की हैं। हमने बिहारी मूल के 35 से अधिक सीईओ और संस्थापकों को सफलतापूर्वक आकर्षित किया है और उन्हें राज्य के उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र से फिर से जोड़ा है।

इसके अलावा, जीटीआरआई ने शीर्ष कंपनियों से ₹12,000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रतिबद्धताओं को सुगम बनाया है, जिससे बिहार में औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है। हमने बिहार भर में सीईओ और संस्थापकों के लिए 20 से अधिक दौरे आयोजित किए, जिससे उन्हें राज्य के मौजूदा व्यावसायिक पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यटन अवसरों को समझने में मदद मिली ताकि दीर्घकालिक साझेदारी को बढ़ावा मिले। बिहारी पाक विरासत को बढ़ावा देने के लिए, हमने ‘पंगत’ नामक एक संवाद कार्यक्रम की मेजबानी की, जिसमें बिहार के भूले-बिसरे व्यंजनों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस पहल को भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप के शेफ़्स के बीच वैश्विक स्तर पर साझा किया गया।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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