पटना /9।11।2023
बिहार संग्रहालय में चल रहे बाल फिल्म महोत्सव का आज समापन हुआ। इस दौरान कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती हरजोत कौर बम्हरा, पदमश्री सुधा वर्गीस, लोटस ब्लूम फिल्म के निर्देशक श्री प्रतीक शर्मा, बाल कलाकार अथ शर्मा, फिल्म क्रिटिक और पटना विश्वविद्यालय के अकेडमिशियन श्री प्रशांत रंजन उपस्थित रहे।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती हरजोत कौर बम्हरा ने कहा कि फ़िल्में सामाजिक व्यवहार को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने का सबसे अच्छा तरीका है। किसी भी भाषा में बनी फिल्म के लिए उसके स्किप्ट का गुणवत्ता पूर्ण होना आवश्यक है। बिहार के दोनों फिल्मकरों को उनके फिल्मों के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जरुरत है स्थानीय स्तर पर विभिन्न भाषाओं के गुणवत्तापूर्ण और फिल्मों का निर्माण किया जाए। बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है जरुरत है बस उसे सही ढंग से प्रोत्साहित कर उभारने और विकसित करने की और इस दिशा में बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम के द्वारा कार्य किया जा रहा है। बिहार सरकार विभिन्न भाषाओं की फिल्मों को प्रोत्साहित करने की दिशा में कार्य कर रही है।
लोटस ब्लूम फिल्म के प्रदर्शन के बाद परिचर्चा में निर्देशक श्री प्रतीक शर्मा ने कहा कि क्रिएटिविटी समाज और खास कर बच्चों और युवाओं के लिए बहुत ही आवश्यक है। स्वतंत्र फिल्मकारों के लिए स्थानीय भाषाओं में फिल्मों के निर्माण के लिए बजट एक बड़ी चुनौती है। फिल्म के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया की जिस प्रकार कीचड़ में से कमल खिलता है उसी को आधार मान कर इस फिल्म का नाम रखा गया था। इसकी पूरी शूटिंग जहानाबाद के पंडुई में हुई है। परिचर्चा के दौरान यह सुझाव भी दिया गया की एक बाल फिल्म डिवीज़न होने चाहिए जो इस प्रकार के कार्यक्रमों का नियमित रूप से आयोजन करता रहे।
महोत्सव के समापन पर आज मैथिलि में बनी और विभिन्न फिल्म फेस्टिवल में सम्मानित फिल्म लोटस ब्लूम, झट आई बसंत और चिड़ियाखाना का प्रदर्शन किया गया ।