 उच्च-स्तरीय रोबोटिक्स, उन्नत इमेजिंग और परिष्कृत सॉफ्टवेयर जो शरीर में कहीं भी सब-मिलीमीटर परिशुद्धता के साथ बेहद परिशुद्ध, सटीक विकिरण डिलीवर करने में सहायता करता है
 इनऑपरेबल ट्यूमर के इलाज के लिए एक अद्वितीय उपागम, जो रोगियों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाता है और साथ ही उनके जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार लाता है।
पटना, नवंबर 25, 2023: स्वास्थ्य सेवा में एक और नए युग की शुरुआत करते हुए, अपोलो कैंसर सेंटर, चेन्नई ने दक्षिण एशिया का पहला साइबरनाइफ-CyberKnife® S7™ एफआईएम रोबोटिक रेडियो सर्जरी सिस्टम पेश किया है, जो कैंसर और गैर-कैंसर प्रकृति के ट्यूमरों के लिए एक क्रांतिकारी उपचार पद्धति उपलब्ध कराता है। साइबरनाइफ सिस्टम की शुरूआत कैंसर देखभाल एवं प्रौद्योगिकी के लिए एक परिवर्तनकारी क्षण है, और अपोलो कैंसर सेंटर ने इस अभूतपूर्व प्रौद्योगिकी को उपलब्ध कराने वाला दक्षिण एशिया का पहला केंद्र बनकर एक नया मानक स्थापित किया है।
CyberKnife® S7™ एफआईएम सिस्टम कैंसर और गैर-कैंसर प्रकृति के ट्यूमरों एवं अन्य लक्षणों के लिए एक गैर-आक्रामक उपचार है जिसके अंतर्गत विकिरण चिकित्सा प्रदान की जाती है। इसका उपयोग मस्तिष्क, फेफड़े, रीढ़, प्रोस्टेट और पेट के कैंसर सहित पूरे शरीर में लक्षणों के इलाज हेतु किया जाता है, और यह उन रोगियों के लिए सर्जरी का विकल्प बन सकता है जिन्हें इनऑपरेबल या ऐसा ट्यूमर है जिनकी सर्जरी बेहद जटिल होती है। यहां तक कि जिन रोगियों का पहले भी विकिरण द्वारा उपचार हो चुका है, जिन्हें विक्षेपी विक्षति है या पुनरावर्ती कैंसर है, वे भी साइबरनाइफ उपचार प्राप्त कर सकते हैं।
डॉ. महादेव पोथाराजू, वरिष्ठ सलाहकार – रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, ने विस्तार से बताया, ”CyberKnife® S7™ एफआईएम उपचार आमतौर पर 1 से 5 सत्रों में किया जाता है। उपचार की अवधि आम तौर पर 30 से लेकर 90 मिनट तक होती है, जिसके दौरान 100 से 200 विकिरण किरणें विभिन्न कोणों से प्रशासित की जाती हैं। प्रत्येक किरण लगभग 10 से 15 सेकंड तक रहती है। उपचार सत्र गैर-आक्रामक बाह्य रोगी प्रक्रियाएं हैं, और किसी एनेस्थीसिया या चीरे की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे अधिकांश रोगी उपचार के दौरान दैनिक गतिविधियों को जारी रख पाते हैं।“

डॉ. रत्नादेवी आर, वरिष्ठ सलाहकार – रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, ने कहा, “”CyberKnife® S7™ एफआईएम मस्तिष्क के आम सुदम्य विक्षति जैसे श्वाननोमा, मेनिन्जियोमा और एवीएम का गैर-आक्रामक तरीके से उपचार करने में सबसे प्रभावी उपागम है, जिससे हमें ओपन सर्जरी न करने का विकल्प मिलता है। यह किसी भी प्रकार के गत्यात्मक लक्ष्य के उपचार हेतु गति-तुल्यकालित, वास्तविक समय उपचार वितरण अनुकूलन प्रदान करने वाली दुनिया की एकमात्र प्रणाली है। यह उच्चतम स्तर की परिशुद्धता के साथ फेफड़े, यकृत या प्रोस्टेट के गतिशील ट्यूमरों के इलाज में विशेष रूप से उपयोगी है।“
डॉ. शंकर वांगिपुरम, वरिष्ठ सलाहकार – रेडिएशन ऑन्कोलॉजी ने कहा, “CyberKnife® S7™ एफआईएम सिस्टम रेडिएशन थेरेपी के भविष्य को पुनः परिभाषित करता है, जो गति, परिशुद्धता और सिंक्रोनी® एआई-संचालित, रियल टाइम टारगेट ट्रैकिंग के साथ गत्यात्मक डिलीवरी की सुविधा प्रदान करता है, जो कई प्रकार के लक्षणों के लिए सटीक हाइपो फ्रैक्शनेटेड एसआरएस/एसबीआरटी उपचार उपलब्ध कराता है, जिसमें सुदम्य मस्तिष्क ट्यूमर, मस्तिष्क मेटास्टेसिस, चिकित्सकीय रूप से कुछ चुनिंदा दुर्दम्य क्रियात्मक लक्षण शामिल हैं: ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया, क्लस्टर सिरदर्द, कंपकंपी, विक्षति संबंधी मिर्गी और कपाल बाह्य चुनिन्दा इनऑपरेबल (चिकित्सा या तकनीकी कारणों से) फेफड़े, अग्न्याशय, यकृत, प्रोस्टेट कैंसर, पुनरावर्ती सिर और गर्दन के कैंसर।”
साइबरनाइफ सिस्टम एकमात्र विकिरण वितरण प्रणाली है जिसमें एक विकिरण वितरण उपकरण होता है, जिसे रैखिक त्वरक कहा जाता है, जो सीधे रोबोट पर लगा होता है और विकिरण चिकित्सा में उपयोग किए जाने वाले उच्च-ऊर्जा एक्स-रे या फोटॉन वितरित करता है। यह हजारों बीम कोणों की खुराक डिलीवर करने में रियल टाइम इमेज गाइडेंस और एक रोबोट का उपयोग करता है तथा शरीर में कही भी विकिरण वितरण परिशुद्धता में एक नया मानक स्थापित करता है।

अपोलो कैंसर सेंटर में विशेषज्ञों की एक टीम है जो पिछले 15 वर्षों से साइबरनाइफ तकनीक का उपयोग करने में माहिर हैं। अब तक, एसीसी में पूरे भारत और विदेशों से 3,000 मामले आए हैं। तब से लेकर आज तक अत्यंत उन्नत अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी ने एक लंबा सफर तय किया है। आज, अस्पताल ने एक बार फिर दक्षिण एशिया में अगली पीढ़ी के CyberKnife® S7™ एफआईएम सिस्टम को लॉन्च करके एक नया मानदंड स्थापित किया है, जिसने कैंसर उपचार के उपागमों में क्रांति ला दी है। अपोलो कैंसर सेंटर CyberKnife® में एक प्रमाणित फेलोशिप प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाला देश का पहला मान्यता प्राप्त केंद्र है, जो प्रशिक्षण एवं चिकित्सा शिक्षा के प्रति समूह की प्रतिबद्धता को दोहराता है।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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