जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 29 मई ::
राष्ट्रीय हिन्दी मासिक पत्रिका दिव्य रश्मि ने पत्रिका की 11वा वार्षिकोत्सव और वीर सावरकर की 141वीं जयंती समारोह का आयोजन पटना के चाँद पुर बेला स्थित दिव्य रश्मि कार्यालय में मंगलवार को किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार सह दिव्य रश्मि पत्रिका के उप सम्पादक जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रत्येक वर्ष दिव्य रश्मि पत्रिका की ओर से साहित्य के क्षेत्र में, पत्रकारिता के क्षेत्र में और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगो को सम्मानित करते रहें है, लेकिन इसबार लोक सभा निर्वाचन,2024 के अवसर पर लागू चुनाव आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए अपने सदस्यों के साथ ही कार्यक्रम कर रहें है। दिव्य रश्मि पत्रिका के मार्गदर्शक राधामोहन मिश्र माधव, कमलेश पुण्यार्क ‘गुरूजी’, मार्कण्डेय शारदेय ने पत्रिका की निरंतर प्रगति की कामना की है।
श्री जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने बताया कि हिन्दू संस्कृति को पुनर्जीवित करने की वीर सावरकर की कोशिश अकेला नहीं था, लेकिन भारतीय मानस पर उन्होंने दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ा था, जिसका परिणाम आज भी दिख रहा है। वीर सावरकर के कार्य और गतिविधियां राष्ट्रवाद की परिभाषा को परिलक्षित करती है। लेकिन अपने लोग से ही वीर सावरकर को धोखा मिला था, फिर भी वे अडिग रहे। उनकी दृढ़ता और शक्ति को जानने की आवश्यकता है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में वीर सावरकर का अहम योगदान रहने के बावजूद भारत में उन्हें विलेन के तौर पर पेश किया जाता हैं। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर के संबंध में महात्मा गांधी ने कहा था कि “अंग्रेजों के खिलाफ उनकी रणनीति कुछ ज्यादा ही आक्रामक है।”
दिव्य रश्मि पत्रिका के सम्पादक डॉ राकेश दत्त मिश्र ने बताया कि वीर सावरकर राष्ट्रवाद के पर्यायवाची है, उनके विचारो पर अगर व्यक्ति चले तो देशभक्ति उसके रग–रग में भर जायेगी। उन्होंने उपस्थित सदस्यों से अनुरोध किया कि पत्रिका, पोर्टल और यू ट्यूब चैनल से अधिकाधिक पत्रकारों, कैमरामैन और फोटोग्राफर को जोड़े।
उक्त कार्यक्रम में जमशेदपुर के ब्यूरो श्रीनिवास सिंह , डॉ रजीव रंजन सिंह, सुबोध सिंह ‘राठौड़’, सुबोध कुमार सिंह, पप्पू सिंह, बिनोद कुमार सिंह, विकास कुमार सिंह, उमेश सिंह सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का का संचालन डॉ राकेश दत्त मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन विकास कुमार सिंह ने किया।
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