भ्गवानुवाचः श्लोक संग्रह श्रीमद्भागवत गीता से |
श्रीमद भागवत में भगवान के द्वारा कहा गया पहला श्लोक (1st) श्लोक |
सांख्य योग अध्याय 2 का 11 वा श्लोक और भगवान के द्वारा कहा गया 3सरा श्लोक।
श्री भगवान बोलते हैं, हे अर्जुन तुझे इस समय, असमय मे यह मोह किस हेतु से प्राप्त हुआ ! क्योंकि ना तो ये श्रेष्ठ पुरषों के द्वारा आचरित है, न स्वर्ग को देनेवाला है और ना कीर्ति को करनेवाला ही है , युद्ध के समय ऐसी संका ये तो असमय है , दोस्तों इस तरह अपने सत्रु के प्रति मोह दिखाने का काम अर्जुन जैसे योधा कैसे कर सकते हैं ! अपने कर्म से अगर हम मुह मोडकर मोह या किसी ओर वजह से हतास बैठ जाए तो वो ठीक नही है , इससे कभी कोई लाभ नही होता |
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