राजधानी वाटिका में माहवारी के बारे में जागरूकता रैली का भी किया गया आयोजन

पटना 28.05.2023

आज महिला एवं बाल विकास निगम के द्वारा विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर बिहार के सभी जिलों से माहवारी पर बेहतर कार्य करने वाले  87 आशा, आंगनवाडी सेविका, जीविका दीदी, जिला परियोजना  प्रबंधकों को  प्रतिक चिह्न और प्रशस्ति पत्र  देकर सम्मानित किया गया । साथ ही सभी जिलों से आये 38 माहवारी के शिक्षकों (मुख्य मास्टर ट्रेनरों) को लैपटॉप एवं प्रशस्ति पत्र देकर देकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम का उद्घाटन विकास आयुक्त, बिहार श्री विवेक कुमार सिंह, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री प्रत्यय अमृत,  शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री दीपक कुमार सिंह, बिहार पुलिस निर्माण निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, निगम की कार्यपालक निदेशक, श्रीमती अलंकृता पांडे, निदेशक श्री राजीव वर्मा की उपस्थिति में दीप जला कर किया । कार्यक्रम के दौरान सभी अतिथियों और गणमान्य अतिथियों ने हथेलियों पर लाल रंग का निशान लगाकर  रेड डॉट चैलेज भी लिया ।

महिला  एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्रीमती हरजोत कौर ने कहा कि महावारी एक स्वाभाविक और कुदरती प्रक्रिया है इसका अगर सही से प्रबंधन के उपाय नहीं अपनाएँ जाए, तो बहुत से संक्रमण रोग हो सकते हैं,  बीमारियां हो सकती हैं जो बाद में महिलाओं  की प्रजनन क्षमता को भी इफेक्ट करती है ।  इन्हीं सब को ध्यान में रखते हुए माननीय विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक महामारी स्वच्छता प्रबंधन कार्यक्रम शुरू किया गया है । निगम के द्वारा प्रथम चरण में सभी जिलों के चयनित  विद्यालयों में सेनिटरी पैड वेंडिंग

 

मशीन और भस्मक लगाने के लिए 1.33 करोड़ रुपये भेजे गए हैं । अब तक 300 विद्यालयों में लगाया जा चुके  हैं । साथ ही लगभग 200 चीफ मास्टर ट्रेनर को 4 दिनों का प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें यूनिसेफ तकनीकी सहयोग दे रहा है । अब लड़कियां खुद यह बात मानती है, शिक्षिकाएं भी मानती हैं कि जब से सैनिटरी वेंडिंग मशीन लगी है उनमें एक कॉन्फिडेंस आया है ।

यूनिसेफ की बिहार प्रमुख श्रीमती नाफिशा बिंते शफीक ने माहवारी के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि किशोरियों को पहली बार जब पीरियड आए तो परिवार के लोगों को उनकी काउंसलिंग करनी चाहिए । माहवारी को लेकर बहुत सारे मिथक आज भी व्यापत है जिनको दूर करने के लिए सांस्कृतिक, सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर चुप्पी तोड़ने की सख्त जरुरत है ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विकास आयु

 

दीपक कुमार सिंह ने कहा कि माहवारी कार्यक्रम में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत ही महत्वपूर्ण है । लड़कियों को झिझक होती है, कि वह अपनी बात किससे कहें, कौन उनको इसके बारे में बताएगा । स्कूल में हमारे शिक्षक और शिक्षिका हैं, वह अपने छात्राओं को इसके बारे में समझा सकते हैं,उनकी झिझक को दूर कर सकते हैं । इस कार्यक्रम से मध्य और उच्च विद्यालयों को चरणबद्ध तरीके से जोड़ने की जरुरत है, जिसे आने वाले दिनों में महिला एवं बाल विकास निगम के साथ मिलकर किया जायेगा । माहवारी के बारे में न केवल महिलाएं बल्कि पुरुषों को भी समझाने की जरुरत है कि कैसे अपने बच्चे से इस बारे में बात करनी है, कैसे उन्हें समझाना है और कैसे उनकी झिझक को दूर करना है ।

क्त श्री विवेक कुमार सिंह ने कहा कि  बिहार में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर रोड मैप तैयार किया गया है जो जिसमें सभी विभागों के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है । राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वेक्षण 4 की तुलना में माहवारी स्वच्छता का बेहतर प्रबन्धन करने वाली किशोरियों/ महिलाओं की संख्या में 27 प्रतिशत का ग्रोथ हुआ है और इसके लिए आप सभी बधाई के पात्र है । माहवारी की जो पूरी प्रक्रिया है इसका जो महत्व है, उसका जो लाइफ साइकिल है, उसकी साइंटिफिक

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने स्वास्थ्य विभाग के  विभिन्न शिक्षण संस्थानों,

 

 

ट्रेनिंग और पारा मेडिकल कॉलेजों सहित अन्य संस्थानों में  50 दिनों में 412  सेनेटरी पैड और 246 भस्मक की स्थापना की गई है । कार्यक्रम में बिहार के विभिन्न जिलों से माहवारी पर बेहतर काम करने वाली आई प्रतिभागियों को संबोधित करने हुए श्री अमृत ने कहा कि आप सभी स्टार हैं, ग्राउंड लेवल तक जागरूकता फ़ैलाने में आपकी भूमिका काफी अहम है । आप सब माहवारी के चैम्पियन हैं । सेनिटरी पैड मशीनों के सही रख रखाव और निगरानी  के लिए फ्लोर वाइज एएनएम और जीएनएम को प्रभारी बनाया गया है एवं एक व्हास्ट्सअप ग्रुप भी बनाया गया है ।

बिहार पुलिस निर्माण निगम के अध्यक्षसह प्रबंध निदेशक श्री विनय कुमार ने कहा कि बिहार में पुलिस में महिलाओं की भागीदारी लगभग 27 हज़ार है जो देश में सबसे ज्यादा है । इसको लेकर सभी थानों, पुलिस लाइन में महिला शौचालय बनाये जा रहे हैं इनके साथ एमएचएम को जोड़ने की जरुरत है । पॉलिसी लेवल पर पर भी बदलाव हो रहे हैं ,अब हम जो स्ट्रक्चर बना रहे हैं, उसमे इनको इंटीग्रेट कर रहे हैं ।

 

कार्यक्रम का स्वागत संबोधन निगम की कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती अलंकृता पांडे ने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों की खास करके लड़कियों की अनुपस्थिति का एक प्रमुख कारण पीरियड्स है । कार्यक्रम

के दौरान खान एवं भूतत्व विभाग की दो खनन निरीक्षकों को भी नायिका पुरस्कार से सम्मानित किया गया । महिला निगम के निदेशक श्री राजीव वर्मा ने कार्यक्रम का धन्यवाद् ज्ञापन दिया ।

इस कार्यक्रम के साथ ही निगम द्वारा आज राजधानी वाटिका में माहवारी पर एक जागरूकता रैली भी आयोजित की गई । जागरूकता रैली को निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्रीमती हरजोत कौर, कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती अलंकृता पांडे,  पटना के उप विकास आयुक्त तनय सुल्तानिया, नारी गुंजन की पदमश्री सुधा वर्गीज़ सहित अन्य गणमान्य अतिथियों को रैली को फ्लैग ऑफ किया । रैली में स्कूली बच्चों सहित रोटरी क्लब, संगिनी क्लब, गैर सरकारी संस्थानों, मीडिया कर्मियों सहित लगभग 600 लोगों ने भाग लिया ।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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