जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 14 सितम्बर ::
हिन्दी दिवस के अवसर पर पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी, शिलांग द्वारा लेखक मिलन शिविर का 18वां संस्करण आगामी 13 से 15 सितंबर 2024 के मध्य हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है। यह आयोजन साहित्य प्रेमियों, लेखकों और हिंदी भाषा के समर्पित सेवकों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रस्तुत कर रहा है। तीन दिवसीय शिविर में साहित्यिक चर्चा, काव्य-संध्या, गोवा परिभ्रमण, सांस्कृतिक समागम और सम्मान समारोह जैसे कई सत्रों का आयोजन होगा। शिविर का उद्देश्य हिन्दी भाषा और साहित्य के प्रति लोगों की रुचि को प्रोत्साहित करना तथा हिन्दी साहित्य को एक नई दिशा देना है।
13 सितंबर 2024 को इस समारोह का आरंभ हुआ। पहला सत्र अपराह्न 5:30 बजे से प्रारंभ हुआ, जिसमें उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। शांति कुमार स्याल, पूर्व सहायक संपादक, राजभाषा भारती, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सत्र की अध्यक्षता की गई। मुख्य अतिथि डॉ. रेखा द्विवेदी, वरिष्ठ साहित्यकार, प्रवासी भारतीय, ऑस्ट्रेलिया और अन्य विशिष्ट अतिथि शामिल हैं। उद्घाटन सत्र के बाद 6:45 बजे से काव्य-संध्या का आयोजन हुआ। इसमें विभिन्न प्रतिष्ठित कवि अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की।
दूसरे दिन 14 सितंबर 2024 को अपराह्न 6:00 बजे से काव्य-संध्या की शुरूआत की गई। इस सत्र की अध्यक्षता शांति कुमार स्याल किए। साहित्यकारों और कवियों के बीच संवाद और विचार विमर्श का आदान-प्रदान भी इस दिन का मुख्य भाग रहा। काव्य संध्या में 18 कवि अपनी कविता का पाठ किए।
तीसरे दिन 15 सितंबर 2024 को सम्मान समारोह सत्र अपराह्न 6:00 बजे से 9:30 बजे तक चलेगा, जिसमें “आर्मंड डी’ सूजा साहित्यिक यायावर सम्मान 2024” 45 कवियों को प्रदान किया जाएगा। इस सम्मान के अंतर्गत कई प्रमुख साहित्यकारों और लेखकों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। हिन्दी दिवस के अवसर पर आयोजित इस शिविर का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रमों से होगा, जिसमें नृत्य और संगीत प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी।
तीन दिवसीय शिविर का मुख्य उद्देश्य हिन्दी साहित्य के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना है। शिविर के दौरान साहित्यिक, सांस्कृतिक और काव्य गतिविधियों का संगम उपस्थित साहित्यकारों और कवियों के बीच आपसी विचार-विनिमय का एक उत्तम अवसर प्रदान करेगा।
इस तीन दिवसीय लेखक मिलन शिविर का आयोजन हिन्दी भाषा की समृद्धि और साहित्यिक योगदान को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से किया गया है। इसका हर सत्र न केवल साहित्य प्रेमियों और लेखकों के बीच संवाद का एक सशक्त माध्यम होगा, बल्कि हिन्दी भाषा के विकास और प्रचार-प्रसार में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
कार्यक्रम की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए इस शिविर के संयोजक डॉ. अकेला भाई ने बताया कि सत्र में साहित्यिक परिचर्चा, काव्य पाठ, सम्मान समारोह और सांस्कृतिक गतिविधियाँ शामिल हैं। ये सत्र हिन्दी साहित्य के विविध पहलुओं पर गहन चर्चा और सृजनात्मक अभिव्यक्ति के अवसर प्रदान करेंगे। भाग लेने वाले लेखक और कवि में प्रमुख रूप से डॉ. रेखा द्विवेदी, डॉ. अजय कुलश्रेष्ठ ‘अजेय’, डॉ. सरोज कुजुर और अन्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त भाग लेने वाले कवियों में अजय सिंह राणा, डॉ. रमा स्याल, कमला सिंह ‘ज़ीनत’, पंकज शर्मा, डॉ. रश्मि वार्ष्णेय, डॉ. अरुणा पाण्डे, डॉ. श्यामा सिंह,डॉ. गायत्री शर्मा, डॉ. जनार्दन शर्मा, डॉ. मनीष शुक्ल, डॉ. रसिक किशोर सिंह नीरज, डॉ. बाबा साहिब शेख, दिनेशचंद्र प्रसाद दीनेश, प्रदीप कुमार और कई अन्य प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं।
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