समाज के गुणात्मक परिवर्तन में शिक्षा और संस्कार अत्यंत जरूरी

पटना। समाज के गुणात्मक परिवर्तन के लिए शिक्षा और संस्कार बेहद जरूरी है, शिक्षा ही विकास का आधार है। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सारण जिला अंतर्गत मौना पकड़ी, बड़का दुआरा स्थित आरबीएस पब्लिक स्कूल के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इसी के साथ कहा कि बिहार सरकार ने राज्य में शिक्षा एवं शैक्षणिक माहौल की बेहतरी के साथ-साथ उत्तम आधारभूत संरचनाओं का निर्माण किया है।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। इंटरमीडिएट पास करने वाली बच्चियों को बिहार सरकार द्वारा 25000 रुपये एवं स्नातक उत्तीर्ण महिलाओं को 50000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इसके अलावा मुख्यमंत्री बालक साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, सुकन्या समृद्धि योजना इत्यादि विभिन्न योजनाओं के सार्थक परिणाम मिल रहे हैं। इससे शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। हाल के मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाम इसके जीवंत उदाहरण है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से इंटर पास सभी युवक एवं युवतियों को 4 लाख रुपये तक की ऋण की व्यवस्था सुनिश्चित करायी गई है। कुशल युवा कार्यक्रम के माध्यम से संवाद कौशल, व्यवहार कौशल और कंप्यूटर ज्ञान की समुचित ट्रेनिंग की व्यवस्था दी जा रही है, जिससे उच्च शिक्षा की दिशा में विद्यार्थियों को सहूलियतें मिली हैं। कार्यक्रम के दौरान सांसद जनार्दन सिग्रीवाल, उप मुख्य सचेतक एवं विधायक जनक सिंह, छपरा के विधायक डॉ सीएनपी गुप्ता, विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षक और शिक्षाकेत्तर कर्मी एवं काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

One thought on “शिक्षा ही विकास का आधार है : तारकिशोर”
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