जब वर्ष में एक-दो ही बार झंडा फहराने की आदत हो तो क्या होता है? स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के आयोजनों में झंडा टूटता है, कभी खुल ही नहीं पाता। कई जगहों से तो झंडा उल्टा फहरा देने की खबरें भी आ जाती हैं।

सारण जिले के हरिहरपुर से आज ऐसा ही एक वीडियो बिहार में वायरल हो रहा है जहाँ झंडा फहराने की कोशिश में बीच में ही टूट गया। ध्यान रहे की भारत में “फ्लैग कोड” यानी झंडा फहराने के नियम होते हैं। जैसे कि शाम छह बजे के बाद झंडा उतार लिया जाए, या राष्ट्रीय ध्वज जितनी उंचाई पर फहराया जाए, उसके अगल-बगल कहीं कोई और झंडा उससे ऊँचा न हो। ये साधारण नियम हैं, जिन्हें स्कूलों में ही बता देना चाहिए।

बड़े अफसोस की बात है कि स्वतंत्रता के इतने वर्ष बीतने के बाद भी जागरूकता इतनी कम है। कम से कम विद्यालयों में, और सरकारी दफ्तरों में तो पत्रों के द्वारा या किन्हीं प्रशिक्षण सत्रों में जोड़कर ये बातें बताई ही जा सकती हैं। आम नागरिक तो बस उम्मीद कर सकता है कि कभी सरकार चेतेगी और ऐसी घटनाओं पर विराम लगेगा।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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