जब वर्ष में एक-दो ही बार झंडा फहराने की आदत हो तो क्या होता है? स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के आयोजनों में झंडा टूटता है, कभी खुल ही नहीं पाता। कई जगहों से तो झंडा उल्टा फहरा देने की खबरें भी आ जाती हैं।
सारण जिले के हरिहरपुर से आज ऐसा ही एक वीडियो बिहार में वायरल हो रहा है जहाँ झंडा फहराने की कोशिश में बीच में ही टूट गया। ध्यान रहे की भारत में “फ्लैग कोड” यानी झंडा फहराने के नियम होते हैं। जैसे कि शाम छह बजे के बाद झंडा उतार लिया जाए, या राष्ट्रीय ध्वज जितनी उंचाई पर फहराया जाए, उसके अगल-बगल कहीं कोई और झंडा उससे ऊँचा न हो। ये साधारण नियम हैं, जिन्हें स्कूलों में ही बता देना चाहिए।
बड़े अफसोस की बात है कि स्वतंत्रता के इतने वर्ष बीतने के बाद भी जागरूकता इतनी कम है। कम से कम विद्यालयों में, और सरकारी दफ्तरों में तो पत्रों के द्वारा या किन्हीं प्रशिक्षण सत्रों में जोड़कर ये बातें बताई ही जा सकती हैं। आम नागरिक तो बस उम्मीद कर सकता है कि कभी सरकार चेतेगी और ऐसी घटनाओं पर विराम लगेगा।