पटना। देश के नामचीन मीडिया शिक्षण संस्थान जामिया मिलिया इस्लामिया से जनसंचार की पढ़ाई कर निकले संदीप पांडे, स्वभाव से गंभीर हैं, लेकिन क्रिएटिव और इन्नोवेटिव व्यक्ति हैं। तो दूसरी तरफ शोख अदा, चुलबुली आवाज की धनी, सिंगर और ग्लैमरस लुक वाली जिज्ञासा हैं। जो इनकी जीवन संगिनी है। इन दोनों की जोड़ी ‘जिज्ञासंदीप’ की जोड़ी कहलाती है।

वर्ष 20 के जून में जब कोरोना चरम पर था, तो इन्होने ऑनलाइन शादी का आयोजन किया। और मिडिया में सुर्ख़ियों में आये। त्रासदी के बीच डिजिटल शादी के इस नव-विचार की खूब चर्चा हुई। इसे 15 लाख से भी अधिक व्यूज मिले। मिले तो कुछ यूं मिले कि अब ये तीन हो गए हैं। दो साल की बेटी वान्या भी डिजिटल स्टार है और इन्स्टाग्राम अकाउंट पर एक्टिव रहती है।

संदीप तकनिकी मामलों के जानकार हैं। इन दिनों ‘भौकाल’ नाम से एक सोशल प्लेटफॉर्म लांच करने की तैयारी में जुटे हैं। इनका मानना है कि ये प्लेटफोर्म सोशल मीडिया पर कंटेंट क्रिएटर्स के लिए एक वरदान साबित होगा। इससे पहले संदीप रेडियो मिर्ची में प्रोग्रामिंग हेड थे। जबकि आरजे जिज्ञासा रेडियो मिर्ची, बनारस और बिग एफएम, पटना में रेडियो जॉकी रही हैं। जिज्ञासा अच्छी एक्टर होने के साथ-साथ एक बहुत अच्छी गायिका भी हैं।

पिछले साल, छठ पूजा पर इनका गाना, बबुनी के पापा रिलीज हुआ था। जिसकी क्रिएटिविटी की खूब सराहना हुई थी।भोजपुरी में ये एक नया प्रयोग था। इस बावत संदीप बताते हैं कि इस बदलते दौर में इन्टरनेट और सोशल मीडिया किसी के होने का पांचवा आयाम है। ऐसे में तकनीक और डिजिटल मीडिया पर आपका स्ट्रोंग प्रेजेंस ही आपको ग्लोबल रीच देगा। इससे कोई भी बिजनेस ग्रो कर पायेगा। विज्ञापन एक ऐसा ही माध्यम है, जिससे आप अपने ब्रांड के विशेष होने के प्रति लोगों का विश्वास जीत पाते हैं।

बताते हैं कि ऐसा कई बार देखने में आया है कि कुछ सेकेंड का एक विज्ञापन लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ देता है। लेकिन इस तरह के विज्ञापन को बनाने में थीम, लोकेशन, लाइट, कैमरा, मॉडल, एडिटिंग, ग्राफिक्स, मिक्सिंग जैसी कई सारी विद्याओं को प्रयोग कर घण्टों समय देना पड़ता है। कोर्पोरेट विज्ञापन के लिए या डिजिटल कैम्पेन के लिए या अच्छे विजुअल एड के लिए, बिहार के ब्रांड्स दिल्ली, मुम्बई जैसी मेट्रो सिटीज की ओर रुख करते हैं। क्योंकि वहां अधिक प्रोफेशनल टच मिलता है। पर पटना में भी बहुत अच्छे टैलेंट्स हैं। ऐसे में ब्रांड्स को लोकल कंपनीज़ को मौक़ा देना चाहिए। इसी सोच के साथ हमने विज्ञापन निर्माण भी शुरू किया है।

वैसे बता दें कि संदीप जहां सिवान से हैं, वहीं जिज्ञासा गोपालगंज की मूल निवासी हैं। ये दोनों लोग स्वभाव से खांटी भोजपुरिया और जमीन से जुड़े हैं।

Sandeep Pandey Jigyasa Pandey

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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