पटना,समीर परिमल के संयोजन में “हमनवा” द्वारा उर्दू और फ़ारसी के प्रसिद्ध शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की जयंती के अवसर पर पटना के खादी मॉल में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शानदार मुशायरा और कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया जिसमें कई बड़े शायरों और कवियों ने अपनी रचनाओं से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर अतिथि के रूप में प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डा श्रीपति त्रिपाठी, डा राजीव कुमार, रूपम त्रिविक्रम, ज्योति दास, माधुरी सिन्हा, दीप श्रेष्ठ, शालिनी सिन्हा, सोनी कुमारी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा क़ासिम खुर्शीद ने की तथा संचालन मो नसीम अख्तर ने एवं अविनाश बन्धु ने चन्द पंक्तियों से धन्यवाद ज्ञापन किया।
रब की नेमत से है ये खिला हमनवा,
आपके दम से है ये सजा हमनवा,
अंजुमन को मेरे देख कहते सभी,
साथ चलता है मेरे मेरा हमनवा।
उपस्थित शायर/कवि – क़ासिम खुर्शीद, संजय कुमार कुंदन, सुहैल फारूकी, जीनत शेख, तलत परवीन, रामनाथ शोधार्थी, नसर आलम नसर, राज कांता राज, पूनम सिन्हा श्रेयसी, अविनाश भारती, विकास राज, संगीता मिश्रा, मुकेश ओझा, रवि किशन, विजय कुमार, प्रियेश सिंह,अभिषेक पाण्डेय आदि…..

समीर परिमल ने सुनाया –
चाहे ताउम्र रहे जेब ये ख़ाली हमदम
मुझसे होगी न किसी तौर दलाली हमदम

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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