पटना 27 जनवरी 2024
आज कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार तथा भारतीय नृत्य कला मंदिर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित शनिबहार कार्यक्रम में पंडित मणि प्रसाद जी तथा श्री शिबासिष मुखर्जी के शिष्य एवं युवा प्रतिभावान कलाकार शायक देव मुखर्जी (किराना घराना) के द्वारा शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति दी गई।
प्रस्तुति की शुरुआत राग जोग से की गई जिसके बंदिश थे “पैठानी री बतिया पिया के देस” तत्पश्चात राग चंद्रकौंस में “चांदनी रात आई”, राग जनसंबोधिनी में “सजन मन भाई” तथा राग बसंत में येंदी येंडी गैली गैली (दक्षिण भारतीय बंदिश) । अंत में “प्रभुजी तुम चंदन हम पानी तथा मैली चादर ओढ़ के कैसे” जैसे भजन की प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । शायक देव मुखर्जी के साथ तबले पर मोहम्मद एहतेसाम और हारमोनियम पर श्री अनूप कुमार सिंह ने संगत किया।


कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित किये जाने वले इस कार्यक्रम का उद्द्देश्य राज्य के प्रतिभावान एवं नवोदित कलाकारों को मंच उपलब्ध करवाने के साथ ही बिहार की कला संस्कृति और संगीत को बढ़ावा देना है । कार्यक्रम का उद्घाटन कला संस्कृति एवं युवा विभाग की अपर मुख्य सचिव , श्रीमती हरजोत कौर, निदेशक सांस्कृतिक कार्य , श्रीमती रूबी, एवं भारतीय नृत्य कला मंदिर की प्रशासनिक पदाधिकारी श्रीमती पुण्य तरु के द्वारा किया गया । इस अवसर पर संगीत के सुधी श्रोतागण उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती सोमा चक्रवर्ती द्वारा किया गया।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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