पटना /14 दिसम्बर 2023
आज महिला एवं बाल विकास निगम के मुख्यालय में वित्तीय वर्ष 2024-25 का जेंडर बजट के लिए वित्त विभाग की तैयारियों में सहयोग देने, जेंडर बजट में संतुलित आबंटन और व्यय के प्रतिशत को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला में राज्य के 30 विभागों के प्रतिभागी शामिल हुए ।
कार्यशाला का शुरुआत महिला एवं बाल विकास निगम के निदेशक श्री राजीव वर्मा के द्वारा स्वागत संबोधन के साथ किया गया । उन्होंने जेंडर बजट के बारे में बताया कि ऐसा नही है कि हम महिलाओं पर व्यय नही कर रहें हैं, व्यय तो कर रहें पर सही जगह उस खर्च को दर्शा नही रहें हैं जिसके कारण जेंडर बजट में व्यय का आंकड़ा कम दिख रहा है । उन्होंने सभी विभागों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि अगले वित्तीय वर्ष का बजट हमारे विशेषज्ञों के सुझाओं के अनुसार बनाया जाये और व्यय को प्राथमिकता दिया जाये ताकि जेंडर बजट का बेहतर आंकड़ा उभर के आये ।
कार्यशाला के दौरान सेंटर फॉर कैटालाइजिंग ऑफ चेंज की जेंडर इंटीग्रेशन श्रीमती गुंजन बिहारी ने जेंडर और समता की व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए जेंडर बजट के श्रेणी A (100% तक व्यय महिलाओं पर ) और श्रेणी B (30% तक व्यय महिलाओं पर) में वर्गीकरण को समझाया ।
बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी, वित्त विभाग, बिहार की फैकल्टी डॉ० बरना गांगुली ने बताया कि 2008-09 में बिहार में जेंडर बजट को अपनाया गया । राज्य ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बेहतर कार्य भी किये जा रहें हैं। परन्तु हमें जेंडर बजट के लिए अभी बहुत कुछ करना है। यह कार्य वित्त विभाग और महिला और बाल विकास का ही नहीं बल्कि सभी विभागों का कार्य है । उन्होंने जेंडर बजट को राज्य में अपनाये जाने के पूर्व और उसके बाद की महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डाला ।
वित्त विभाग के उप बजट नियंत्रक-सह-उप सचिव श्री विनोद तिवारी ने बताया कि हमलोग वित्तीय वर्ष 2024-25 की तैयारी शुरू कर चुके हैं । स्टेट ग्रॉस डाटा में जेंडर बजट का प्रतिशत 14.5% है, जो काफी कम है । ऐसा नहीं है कि महिलाओं के लिए कार्य नहीं कर रहें हैं लेकिन जो डाटा हम दिखा रहें हैं उसमे कहीं न कहीं त्रुटी है । ऐसे में सभी विभागों को पूर्णावलोकन करने की जरुरत है । उन्होंने यह कहा कि विभागों में यदि कोई जेंडर स्कीम बजट में छुट गया है तो वित्त विभाग को सूचित करें ताकि उसे वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में हमलोग शामिल कर सकें ।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए निगम की प्रबंध निदेशक श्रीमती बन्दना प्रेयषी ने कहा महिलाओं के खिलाफ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिये वित्तीय बजट में जेंडर उत्तरदायी बजटिंग (Gender Responsive Budgeting- GRB) को अंगीकार किया है । जिसका मुख्य उद्देश्य राजकोषीय नीतियों के माध्यम से लिंग संबंधी चिंताओं का समाधान करना है। उन्होंने विभिन्न विभागों के द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में जेंडर बजट में व्यय के आंकड़ों का समीक्षा किया एवं इसको और बेहतर बनाने के लिए आवश्यक सुझाव दिया । उन्होंने सभी विभागों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के लिए जो कर्णांकित बजट है उसका सदुपयोग करें और वित्तीय वर्ष 2024-25 में जेंडर बजट पर व्यय का न्यूनतम लक्ष्य 50% रखें ताकि हमारे राज्य का सकल आंकड़ा और बेहतर हो सके ।
उन्होंने सभी विभागों के प्रतिनिधियों को 21 दिसम्बर 2023 को महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा उपलब्ध कराये गए प्रपत्र में अपने विभाग से जेंडर बजट पर व्यय के आंकड़े एवं उसकी विस्तृत जानकारी के साथ भाग लेने को कहा । साथ ही उन्होंने बताया कि अगले कार्यशाला में ग्रीन बजट पर भी चर्चा की जाएगी।
महिला एवं बाल विकास निगम के निदेशक, वित्तीय वर्ष 2024-25 में जेंडर बजट में बेहतर आबंटन और व्यय के उम्मीद के साथ सभी विभागों के प्रतिभागियों एवं इस विषय के जानकारों का आभार व्यक्त किया ।
कार्यक्रम के दौरान महिला एवं बाल विकास निगम के कार्यपालक निदेशक श्रीमती अलंकृता पाण्डेय एवं प्रशासी पदाधिकारी श्रीमती मिशा रंजीत सिंह एवं महिला एवं बाल विकास निगम के सभी नोडल पदाधिकारी भी उपस्थित रहें ।