पटना-19-06-2023
आज महिला एवं बाल विकास निगम के सभागार में विभिन्न सरकारी विभागों में पॉश एक्ट के तहत गठित आंतरिक समिति के सदस्यों/अध्यक्षों के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन यूएनएफपीए के तककनीकी सहयोग से किया गया ।
“कार्यस्थलों को महिलाओं के लिए सुरक्षित, बेहतर एवं लैंगिक रूप से संवेदनशील बनाने के लिए बिहार सरकार प्रतिबद्ध है । इसके लिए जरुरीहै कि विभागों में गठित आंतरिक समिति के सदस्यों और अध्यक्षों को अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के बारे में सही जानकारी हो । उक्त बातें महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार की प्रबंध निदेशक श्रीमती बंदना प्रेयषी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा । महिलाओं को किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न की स्थिति में लिखित शिकायत देनी होती है. आप सभी प्रतिभागियों से यह अपेक्षा है कि आप सब अपने-अपने विभागों में बैठक कर महिला एवं पुरुष कर्मियों को इसके बारे में जागरूक करें एवं उन्हें बताएं कि इस अधिनियम के तहत उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है।
निगम की कार्यपालक निदेशक श्रीमती अलंकृता पांडे ने कहा कि कार्यस्थल पर यौन हिंसा के मुद्दों को संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ सुनने एवं उनपर उचित कारवाई करने की आवश्यकता है । अभी माननीय उच्चतम न्यायलय के द्वारा भी इस विषय पर जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्य करने का निदेश दिया गया है । आज की इस प्रशिक्षण से समिति के सदस्यों को अपने कार्यों के सही निर्वाहन में भी सहयोग मिलेगा । श्रीमती पांडे ने कहा कि यह भी जरुरी है कि आंतरिक समिति किसी प्रकार की शिकायत पर कारवाई के दौरान पूर्वाग्रह से मुक्त रहे ।
इस कार्यशाला का उद्देश्य आंतरिक समिति के सदस्यों/अध्यक्षों को पॉश एक्ट के विभिन्न पहलूओं के बारे में प्रशिक्षित और जागरूक करना है । इस कार्यशाला में बिहार के विभिन्न विभागों के आतंरिक समिति के सदस्य और अध्यक्ष सहित लगभग 50 लोग उपस्थित रहे।
तकनीकी सत्र के दौरान कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 पर कार्य करने वाली प्रमुख संस्था पार्टनर्स फॉर लॉ इन डेवलपमेंट के विषय विशेषज्ञों श्रीमती प्रतिभा डिमेलो एवं आँचल गुप्ता ने इस कानून के उद्देश्य, इसके अंतर्गत आने वाले कार्यस्थल, उत्पीड़न के प्रकार, इस कानून के विभिन्न प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताया। इस कानून के तहत संगठित के साथ ही असंगठित कार्यस्थल भी आते है, इस बारे में भी जानकारी दी गई ।
यूएनएफपीए की राज्य प्रमुख सुश्री कीर्ति ने इस कानून के प्रावधान क्या हैं और इस कानून के अंतर्गत उनके अधिकार क्या है ? इत्यादि पर चर्चा की. कार्यशाला के दौरान आतंरिक समिति की जिम्मेदारियों और भूमिकाओं के बारे में बताया कि कैसे हम सब महिलाओं के प्रति संवेदनशील होकर इस पूरी प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं ।परिचर्चा के दौरान आतंरिक समिति के सदस्यों ने अपने अनुभव साझा किये ।
कार्यशाला के दौरान निगम के निदेशक श्री राजीव वर्मा ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज से शुरू होकर यह कार्यशाला 24 जून तक चलेगी, जिसमें 6 बैच में अलग-अलग सभी विभागों के आंतरिक समिति के सदस्यों/ अध्यक्षों का उन्मुखीकरण किया जायेगा।