(डा. नम्रता आनंद)
पटना, विश्व संगीत दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। संगीत के महत्व एवं उपयोगिता के बारे में दुनियाभर को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल विश्व संगीत दिवस मनाया जाता है। विश्व संगीत दिवस पहली बार फ्रांस में 1982 में मनाया गया था। फ्रांस के तत्कालीन सांस्कृतिक मंत्री जैक लैंग ने लोगों की संगीत के प्रति दीवानगी को देखते हुए इस दिन को मनाने की घोषणा की थी। उन दिनों संगीत दिवस को ‘फेटे ला म्यूजिक’ कहा जाता था। संगीत का असर हमारे जीवन पर बेहद प्रभावशाली होता है। इसके बिना, जीवन थोड़ा उदास और बोरिंग लगता है।संगीत हमें न केवल मनोरंजन प्रदान करता है बल्कि यह हमारे भावनात्मक स्थिति को भी सुधारता है और हमें दूसरों के साथ जोड़ता है। संगीत के महत्व को देखते हुए हर साल 21 जून को विश्व संगीत दिवस मनाया जाने लगा। संगीत व्यक्ति को सुकून का अहसास कराता है। संगीत महज मनोरंजन का जरिया नहीं, लेकिन स्वस्थ तन-मन के लिए भी कारगर है। संगीत हमारे मानसिक स्वास्थ्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और हमें शांति और सुकून का अनुभव कराता है। यह दिन संगीत को श्रद्धांजलि देने के लिए निर्धारित किया गया है, जो हर किसी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संगीत जीवन का सार है और संगीत दिवस संगीत की शक्ति को समझने और इसे दूसरों के साथ साझा करने के बारे में है।संगीत हमारे अकेलेपन और तनाव के समय में दोस्त की भूमिका निभाता है।हर साल विश्व संगीत दिवस के लिए एक थीम तय की जाती है। वर्ष 2023 की थीम ” म्यूजिक ऑन द इंटरसेक्शन ” है।