पटना. बिहार की राजनीति में एक योगी की एंट्री हो रही है. लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी भी पूरी है. अब शिवहर संसदीय सीट एक सन्यासी को सांसद बनाने का सियासी मैदान बनेगा. शिवहर से चुनावी किस्मत आजमाने के लिए योगी अखिलेश्वर दास महाराज पिछले कई सालों से सक्रिय हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह भगवा धारी योगी अखिलेश्वर दास बिहार में अपनी विशेष पहचान रखते हैं. विशेषकर शिवहर के इलाके में इनकी विशिष्ट पहचान और प्रभाव है जिसका सीधा फायदा लोकसभा चुनाव में होने की उम्मीद है. इसलिए भाजपा इस बार योगी अखिलेश्वर दास के चेहरे पर बड़ा दांव खेल सकती है.

जाति का बड़ा फायदा : योगी अखिलेश्वर दास की हिन्दुत्ववादी छवि, युवाओं में लोकप्रियता सहित शिवहर ही जन्मस्थान होने का बड़ा फायदा चुनाव में मिल सकता है. इतना ही नहीं जातीय तौर पर भी योगी अखिलेश्वर दास के लिए शिवहर सबसे बड़े समर्थन वाला सीट होगा. भले ही संत की जाति नहीं होती लेकिन बिहार की सियासत में जाति की अहमियत है. ऐसे में वैश्य समुदाय में तेली जाति से आने वाले योगी अखिलेश्वर दास को अपनी जाति का फायदा भी मिल सकता है. शिवहर में सर्वाधिक मतदाता भी तेली जाति से हैं. एक अनुमान के अनुसार तेली- कानू जाति के मतदाता करीब 8 लाख हैं.
शिवहर में लोकप्रिय : योगी अखिलेश्वर दास की पहचान एक कथावाचक और हिंदूवादी की रही है. कुछ समय पूर्व ही शिवहर में विराट हिंदू संत सम्मेलन कराकर योगी अखिलेश्वर दास ने अपनी खास पहचान बनाई. इस सम्मेलन में देश के कई प्रसिद्ध संतों के साथ ही दो शंकराचार्य भी आए. इतना ही नहीं युवाओं के लिए अक्सर क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित कर योगी अखिलेश्वर दास ने युवाओं के बीच लोकप्रियता हासिल की है. योगी से जुड़े निकटस्थों की माने तो योगी की इस सामाजिक पकड़ को भाजपा भुनना चाहती है. इसलिए इस बार के चुनाव में योगी को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. एक तरह से योगी अखिलेश्वर दास के चेहरे का इस्तेमाल बिहार में योगी आदित्यनाथ के तरह करने की भाजपा तैयारी कर सकती है.

रमा देवी की लेंगे जगह : शिवहर से मौजूदा सांसद रमा देवी हैं. रमा देवी 70 वर्ष की आयु पार कर चुकी हैं. ऐसे में इस बार उनकी जगह किसी नए चेहरे को पार्टी टिकट दे सकती है. अगर ऐसे हुआ तो इसमें योगी अखिलेश्वर दास प्रबल दावेदार बन सकते हैं. इसमें योगी की हिंदू वादी छवि के साथ ही इनकी जाति भी अहम है. शिवहर के छह विधानसभा क्षेत्रों में पवन जायसवाल ढाका से, लाल बाबू गुप्ता चिरैया से और मोती लाल प्रसाद रीघा विधानसभा सीट से विधायक हैं. तीनों सीट भाजपा के खाते में हैं. इतना ही नहीं बेलसंड से राजद विधायक संजय गुप्ता भी तेली जाति से हैं. सिर्फ मधुबन और शिवहर विधानसभा से ही अन्य जाति के विधायक हैं. ऐसे में यह योगी अखिलेश्वर दास के तेली जाति से होने में एक बड़ा फायदा दिला सकता है. इतना ही नहीं मौजूदा समय में भाजपा का कोई भी सांसद इस तेली जाति का नहीं है.

निर्दलीय भी ठोकेंगे ताल : योगी अखिलेश्वर दास को लेकर कहा जा रहा है कि अगर उन्हें भाजपा से टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय भी चुनाव में ताल ठोक सकते हैं. इसे लेकर हर प्रकार की तैयारी योगी अखिलेश्वर दास के समर्थकों ने की है. लोकसभा चुनाव की घोषणा के पूर्व ही कई ऐसे कार्यक्रम योगी द्वारा किए गए हैं जो संकेत है कि वे चुनाव में उतर सकते हैं. चुकी योगी की सामाजिक लोकप्रियता, तेली सहित अन्य जातियों में मजबूत पकड़, हिंदूवादी छवि, युवाओं में पकड़ कुछ ऐसी विशेषता है जो इनके दावे को मजबूत करेगी.

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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