अतीक अरशद हत्याकांड
उमेश पाल हत्याकांड में चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिए गए माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में मंडलीय अस्पताल के गेट पर पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाइक पर आए तीन हमलावरों ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने सरेंडर कर दिया। तीनों आरोपी उत्तर प्रदेश के अलग- अलग जिले के रहने वाले हैं। अहमद और अशरफ का कत्ल करने वाले तीनों आरोपियों का क्रिमिनल बैकग्राउंड है। दोनों भाइयों की हत्या के आरोपी लवलेश तिवारी बांदा, सनी हमीरपुर और अरुण उर्फ कालिया कासगंज का रहने वाला है।
पिता की मृत्यु के बाद हिस्ट्रीशीटर बना सनी
अतीक व अशरफ को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतारने वाले हिस्ट्रीशीटर सनी उर्फ पुराने ठाकुर जनपद हमीरपुर के कुरारा कस्बे का निवासी है। पुराने उर्फ सनी सिंह (33) यहीं पला बढ़ा। पिता की मृत्यु के बाद कोई देखभाल करने वाला न होने के कारण व बड़े भाई मंगल सिंह के आपराधिक कार्यों में लिप्त होने के कारण वह भी आवारागर्दी करने के साथ भाई का सहयोग करने लगा।
दर्ज हैं 14 आपराधिक मामले
करीब 15-16 वर्ष की उम्र से ही ट्रक लूट समेत अन्य अपराधों को अंजाम देने लगा। बाद में आपराधिक कार्यों में पूर्ण रूप से संलग्न हो गया। अपने ऊंचे शौक के चलते थानाक्षेत्र में अवैध वसूली व लूट जैसे अपराधों को अंजाम देने लगा। जिसकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस द्वारा उसकी हिस्ट्रीशीट भी खोली गई। सनी के खिलाफ थाने में 14 मुकदमें दर्ज हैं। जिनमें जेल जाने के बाद वहां से छूटकर वह फिर घर नहीं पहुंचा।
मौजूद समय में उसका केवल एक भाई पिंटू घर पर रहता है। जबकि मां का पता नहीं है। वहीं भाई मंगल सिंह की भी मौत हो चुकी है। बीते तीन साल से वह पुलिस को चकमा दे रहा है। सनी के भाई पिंटू सिंह ने बताया कि वह कई साल से घर नहीं लौटा है। घटना के बारे में भी उन्हें जानकारी नहीं हैं। उसके ऊपर कई आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।