पटना, राजकीय-राष्ट्रीय सम्मान से अंलकृत समाजसेविका डा. नम्रता आनंद को शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये
बिस्मिल्लाह खां अंतर्राष्ट्रीय सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया है।
शहनाई नवाज भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां साहब की याद में ‘शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ट्रस्ट’ के तत्वाधान में बिस्मिल्लाह खां अंतर्राष्ट्रीय सम्मान समारोह-2022 का आयोजन पटना के तारामंडल सभागार में संपन्न हुआ। इस मौके पर शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये डा. नम्रता आनंद को पूर्व राज्यसभा सांसद आर.के.सिन्हा और विधान पार्षद प्रो.नवल किशोर यादव ने मोमेंटो और पौधा और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।
डा. नम्रता आनंद ने कहा, “बिस्मिल्लाह खां अंतर्राष्ट्रीय सम्मान 2022 पाकर काफी गर्व महसूस कर रही हूं। बिस्मिल्लाह खां अंतर्राष्ट्रीय सम्मान 2022, मिलने पर मन आह्लादित है।यह सम्मान मिलने के बाद काफी आनंदित महसूस कर रही हूं।पुरस्कार से प्रेरणा मिलती है, अब और काम करने की जिम्मेवारी आ गयी गई, एक दायित्व आ गया कि अच्छे से अच्छा काम करूं। घर में सम्मान मिलने से खुशी दोगुनी हो जाती है इससे हौसला एवं आत्म विश्वास बढ़ता हैमैं इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिये‘शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ट्रस्ट’ के अध्यक्ष श्री मुरली मनोहर श्रीवास्तव और श्री बसंत सिन्हा का आभार प्रकट करती हूं, जिन्होंने मेरा चयन इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिये किया।
गौरतलब है कि डा. नम्रता आनंद सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका और जीकेसी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।डा. नम्रता आनंद शिक्षा- महिला सक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। डा. नम्रता आनंद को केन्द्रीय चयन समिति ने वर्ष 2004 में राष्ट्रीय विकास और सामाजिक सेवा में किये गये उत्कृष्ठ कार्य के लिये राष्ट्रीय यूथ अवार्ड सम्मान से सम्मानित किया गया है। वर्ष 2019 में डा. नम्रता आनंद को माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की सर्वश्रेष्ठ 20 शिक्षकों में सम्मानित किया।वर्ष 2021 में डा. नम्रता आनंद ने कुरथौल के फुलझड़ी गार्डेन में संस्कारशाला की स्थापना की। संस्कारशाला के माध्यम से गरीब और स्लम एरिया के बच्चों का नि.शुल्क शिक्षा, संगीत, सिलाई-बुनाई और डांस का प्रशिक्षण दिया जाता है।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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