पटना:- क्या अब बिजली का पोस्टपेड मीटर सिर्फ वीवीआईपी लोगो के घरों की शोभा बढ़ाएगा ? पुलिस थाने और तमाम सरकारी महकमो मे प्रीपैड मिटर लग गया क्या ? वीवीआइपी लोग चोर नही होते और आम जनता चोर है क्या ? प्रीपैड मतलब पहले पैसा , पोस्टपेड मतलब उपयोग के बाद पैसा , अब समझ लीजिए गरीब आदमी से पहले पैसा लेंगे Nitish Kumar और अमीर आदमी से बाद मे ! पोस्टपेड मोबाइल या फोन का कनेक्शन बहुत ही कम लोगो के पास है इसका मूल कारण है पहले जो प्लान्स होते थे वो सेकंड या minute बेस्ड होते थे । आम लोगो को इसके कारण अधिक बिल का सामना करना पड़ता था और रियल टाइम मे बिलिंग नही होने की वजह से ज्यादा बिल भी आ जाता था । इन्ही समस्यायों से छुटकारा दिलाया गया प्रीपैड सिम कार्ड ने , धीरे धीरे सभी लोगो ने प्रीपैड विकल्प को अपना लिया लेकिन अभी भी मोबाइल ऑपरेटरों ने पोस्ट पेड का विकल्प खुला रखा है । कोई भी व्यक्ति चाहे तो पोस्टपेड सिमकार्ड ले सकता है चाहे वो आम हो या खास इससे कोई फर्क नही पड़ता । मगर बिहार मे जबरन बिना ग्राहकों की सहमति के भी प्रीपैड मिटर लगाया जा रहा है , इस धमकी के साथ कि अगर प्रीपैड मिटर नही लगाया तो आपके घर की बिजली काट दी जाएगी । इस पर हमने बिजली विभाग और कई सरकारी नुमाइंदे से यह सवाल पूछा कि क्या बिहार सरकार पोस्टपेड मीटर को बन्द कर देगी ? कुछ ने तो जबाब नही दिया और कुछ ने इस बारे मे जानकारी न होने का हवाला दिया वही कुछ अफसरों ने इसे ग्राहक के सहूलियत और स्वेक्षा की बात कही , मतलब जबरन कोई भी आपके घर मे बिजली का प्रीपैड मीटर नही लगा सकता । फिर कर्मचारी ऐसा क्यों कहते हैं कि मीटर लगवाना ही पड़ेगा ? क्योंकि उनको टारगेट मिला है की इतने मीटर टांग कर आओ । केंद्र की भाजपा सरकार ने भी 2020 के बजट मे कहा था की 2022 तक सभी मीटर स्मार्ट प्रीपेड हो जाने चाहिए | पहले पुराने वाले काले मीटर को बदलकर इलेक्ट्रॉनिक मीटर का लाना और अब इलेक्ट्रॉनिक मीटर को बदलकर प्रीपेड मीटर लाना , किस बात की ओर इशारा कर रहा है ? अभी बिहार सरकार ने बिजली के पोस्टपेड मीटर के लिए एक सुविधा अप्प भी लाइ है जिससे की ग्राहक स्वयम ही अपना बिजली का बिल बना सकते हैं खपत के अनुसार फिर ये प्रीपेड मीटर की जरूरत क्या है ? क्या सरकार को अब बिजली खरीदने के लिए भी आम जनता से पैसा चाहिये ? आखिरकार सरकार की नियत क्या है ? हम आप सोचिए कि विभाग और सरकार को बिजली का प्रीपैड मीटर खरीदने मे कितना खर्च हुआ होगा प्रत्ति मीटर ? प्रत्ति मिटर कितने का घोटाला हुआ होगा ? कितना कमीशन जदयू फंड और उसकी सहयोगी पार्टी भाजपा के खाते मे गया होगा ? या फिर नही गया ? या फिर कोई घोटाला नहि हुआ ? हमको तो भाई साहेब पोस्टपेड मे ही रहना है आपका पता नही ! सत्य को ढूंढिए और फिर सोचिए ! बाद बांकी सबकुछ राधे राधे है