सीतामढ़ी, 21 फरवरी: सीतामढ़ी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद संस्थान के प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार ने छात्रों को मातृभाषा के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा हमारी अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान का आधार है, जिसे सहेजकर रखना जरूरी है।
नृत्य और संगीत ने मोहा मन
🎭 सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छात्रों की जबरदस्त भागीदारी रही।
🕺 मैकेनिकल विभाग के छात्र अमित ने “अइसन आपन है बिहार” गीत पर शानदार नृत्य प्रस्तुति दी।
💃 सुजैन, अन्नू, काजल, अस्मिता और श्वेता ने अवधी, पंजाबी और गुजराती लोकनृत्यों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
🎤 सीएसई की दुर्गा ने मैथिली गीत और आदित्य ने राजस्थानी लोकगीत प्रस्तुत कर समां बांध दिया।
पीपीटी और भाषण में झलकी भाषाई विविधता
📜 आशुतोष, रौशन और चिंटू गिरी ने पीपीटी के माध्यम से बिहार की भाषा और संस्कृति को प्रस्तुत किया।
📌 आयुष और घनश्याम ने उत्तर प्रदेश की भाषाई विविधता और सांस्कृतिक विरासत पर चर्चा की।
🗣️ भाषण प्रतियोगिता में छात्रों ने अपनी मातृभाषाओं में विचार व्यक्त किए:
✅ कामरान और शाहज़ैब – उर्दू
✅ राहुल – भोजपुरी
✅ कंचन और मनोज – मैथिली
✅ आयुष – संस्कृत
✅ आयुषी – अंग्रेजी
✅ खुशबू – हिंदी
कला प्रदर्शनी और मंच संचालन
🎨 कला प्रदर्शनी में विभिन्न भाषाओं की लिपियों, हस्तकलाओं, मधुबनी चित्रों और बिहार की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया।
🎙️ मंच संचालन एआईएमएल के छात्र धर्मराज ने किया।
उपस्थित गणमान्य
इस अवसर पर सहायक प्राध्यापक सुशील कुमार तिवारी, जिज्ञासा, अंशुमाला, मिथिलेश मांझी और इवेंट कॉर्डिनेटर डॉ. आरती कुमारी मौजूद रहे।
कार्यक्रम ने भाषाई विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि को खूबसूरत तरीके से प्रस्तुत किया, जिससे छात्रों में अपनी मातृभाषा के प्रति सम्मान और गर्व की भावना जागृत हुई। 🎊