पटना, दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका , समाजसेविका डा. नम्रता आनंद को स्कॉलर्स अबोड स्कूल, पटना के 26 वें वार्षिकोत्सव पर सम्मानित किया गया।
स्कॉलर्स अबोड स्कूल, पटना का 26वां वार्षिकोत्सव श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में मनाया गया। इस अवसर पर डा. नम्रता आनंद को स्कॉलर्स अबोड स्कूल, की संस्थापिका श्रीमती बी.प्रियम ने मोमेंटो, शॉल और पौधा देकर सम्मानित किया। सम्मानित किये जाने पर डा. नम्रता आनंद ने श्रीमती बी.प्रियम और अविनाश बंधु का शुक्रिया अदा किया है।
डा. नम्रता आनंद ने कहा कि अच्छी शिक्षा एवं संस्कार ही जीवन को एक नया रुप देते हैं। हमें समाज को शिक्षित एवं संस्कारित बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छात्र-छात्राओं को हिस्सा लेना चाहिए। शिक्षा राष्ट्र के व्यक्तिगत, सामाजिक, प्राकृतिक और आर्थिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । उन्होंने कहा कि देश के बेहतर भविष्य के लिए बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देना हम सबकी जिम्मेदारी है। शिक्षा के बिना समाज का विकास असंभव है, जहां शिक्षित व्यक्ति होते हैं वही सभ्य समाज होता है। समाज के विकास में शिक्षा की भूमिका अति महत्वपूर्ण है।आज के छात्र कल देश का भविष्य होगें।शिक्षा वह मज़बूत ताकत है जिससे हम समाज को सकारात्मक बदलाव की ओर ले जा सकते है। शिक्षा के माध्यम से ही हम अपने सपने पूरे कर सकते हैं। जीवन को नयी दशा और दिशा दे सकते हैं। बिना शिक्षा के हम कुछ भी मुकाम हासिल नहीं कर सकते।
गौरतलब है कि डा. नम्रता आनंद शिक्षा- महिला सक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।डा. नम्रता आनंद को केन्द्रीय चयन समिति ने वर्ष 2004 में राष्ट्रीय विकास और सामाजिक सेवा में किये गये उत्कृष्ठ कार्य के लिये राष्ट्रीय यूथ अवार्ड सम्मान से सम्मानित किया गया।वर्ष 2008 में डा. नम्रता आनंद ने दीदीजी फाउंडेशन की नीवं रखी जिसके बैनर तले उन्होंने जल जीवन हरियाली, बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओ, पर्यावरण, स्वच्छता, तंबाकू विरोधी अभियान, साक्षरता, रक्तदान, पल्स पोलिया प्रतिरक्षण ,कोरोना जागरूकता, महिला सशक्तीकरण , विकलांग लोगों के पुर्नवास समेत कई सामाजिक कार्य किये जिसके लिये उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली। वर्ष 2019 में डा. नम्रता आनंद को माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की सर्वश्रेष्ठ 20 शिक्षकों में सम्मानित किया।।वर्ष 2020 में डा. नम्रता आनंद ने कुरथौल के फुलझड़ी गार्डेन में संस्कारशाला की स्थापना की। संस्कारशाला के माध्यम से गरीब और स्लम एरिया के बच्चों का नि.शुल्क शिक्षा, संगीत, सिलाई-बुनाई और डांस का प्रशिक्षण दिया जाता है।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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