हमारे भविष्य के विकास के सामाजिक पहलुओं को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों को सामने लाने के लिए विभिन्न देशों के बुद्धिजीवियों द्वारा चलाए जा रहे एक अंतरराष्ट्रीय समूह अम्बेडकरग्लोबल डॉट कॉम द्वारा आज ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, गांधी मैदान, पटना में ‘सामाजिक समावेश, उपलब्धियां और संभावनाएं’ विषय पर सेमिनार सह पैनल डिस्‍कशन का आयो‍जन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विधिवत रूप से तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्‍यमंत्री, बिहार सरकार, अम्बेडकर ग्लोबल के डायरेक्टर रवि एस चांद ,भाजपा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता डॉ गुरू प्रकाश पासवान, जदयू प्रवक्‍त डॉ अजय आलोक व आईपीएस विकास वैभव ने किया।

उद्घाटन के बाद आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में की गई उपलब्धियों व डॉ अंबेडकर के दर्शन की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए उपमुख्‍यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों के लिए कई कल्‍याणकारी योजनाएं चलाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्‍मनिर्भर भारत को आधार बनाकर विकास के अलग – अलग आयाम को प्रस्‍तुत किया है। उन्‍होंने कहा कि हमें उम्‍मीद है कि यहां एक सार्थक चर्चा होगी। उप मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं इस संगोष्ठी को एक बड़ी सफलता के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर डॉ बी आर अंबेडकर के दर्शन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान के लिए संगठन द्वारा निभाई जा रही भूमिका के लिए अंबेडकरग्लोबल डॉट कॉम के प्रयासों की प्रशंसा करता हूं।”

वहीं, अम्बेडकर ग्लोबल डॉट कॉम के निदेशक रवि एस चंद ने अपने स्‍वागत भाषण में कहा कि “अधिकांश सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन बिहार की भूमि से शुरू हुए – चाहे चंपारण से गांधी का आंदोलन या जेपी आंदोलन या भगवान बुद्ध और भगवान महावीर द्वारा सुधार। हालांकि, हमने महसूस किया कि एक बड़ा गैप हुआ है। विविधता और समावेश के मामले में अंतर जब बिहार के लोगों के साथ-साथ विदेशों में रहने और काम करने की बात आती है। जीवन के सभी क्षेत्रों में कमजोर वर्गों और महिलाओं के अधिक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है – चाहे वह मीडिया हो, मनोरंजन हो, खेल हो, निजी नौकरियां हों और व्यवसाय।” उन्‍होंने कहा कि अम्बेडकर ग्लोबल डॉट कॉम का उद्देश्य विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर एक साथ लाना है – कमजोर वर्ग, दलितों और महिलाओं, अलग-अलग विकलांग लोगों को पेशे के अवसरों के बड़े क्षेत्रों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक कार्य योजना के साथ पीछे हटना, बहस करना, संलग्न करना और आगे आना।

रवि ने बताया कि संगोष्ठी में नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, उद्यमियों और खेल जगत की हस्तियों ने अपनी सफलता की कहानियों को साझा करने और इस बड़े वर्ग के युवाओं को प्रेरित करने के साथ-साथ संभावित नियोक्ताओं, नीति निर्माताओं को एक अंतर्निहित दृष्टिकोण रखने के लिए प्रभावित करने के लिए भाग लिया। इससे पहले जदयू प्रवक्ता अजय आलोक, एमएलसी देवेश कुमार, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान, आईपीएस विकास वैभव और बबिता वत्सरगी के साथ अन्‍य शिक्षाविदों और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ने अपने विचार रखे। वहीं, सेमिनार के उपरांत आयोजित पैनल डिस्‍कशन में राज्य के प्रख्यात शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और मीडिया हस्तियों ने भाग लिया।

अम्बेडकर ग्लोबल डॉट कॉम दुनिया भर के समाज में बदलाव लाने के लिए एक तीव्र जुनून से प्रेरित विभिन्न देशों के बुद्धिजीवियों द्वारा गठित एक अंतरराष्ट्रीय समूह है। हम सोशल केयर फाउंडेशन का हिस्सा हैं जो वैश्विक स्तर पर समुदाय को लाभान्वित करने के साथ-साथ भारतीय डायस्पोरा को प्रेरित करने के लिए विश्व नेताओं के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के क्षेत्र में काम करता है। अम्बेडकरग्लोबल डॉट कॉम वर्तमान में भारत, यूएई, ओमान, कतर, बहरीन, सऊदी अरब, कुवैत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, यूएसए, यूके, कनाडा, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और जर्मनी में सक्रिय है। शिक्षित करने, आंदोलन करने के मिशन के साथ और संगठित करें, हम वैश्विक मंचों पर डॉ बीआर अंबेडकर की शिक्षाओं को लेने के लिए काम करते हैं।

By Shubhendu Prakash

शुभेन्दु प्रकाश 2012 से सुचना और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र मे कार्यरत है साथ ही पत्रकारिता भी 2009 से कर रहें हैं | कई प्रिंट और इलेक्ट्रनिक मीडिया के लिए काम किया साथ ही ये आईटी services भी मुहैया करवाते हैं | 2020 से शुभेन्दु ने कोरोना को देखते हुए फुल टाइम मे जर्नलिज्म करने का निर्णय लिया अभी ये माटी की पुकार हिंदी माशिक पत्रिका में समाचार सम्पादक के पद पर कार्यरत है साथ ही aware news 24 का भी संचालन कर रहे हैं , शुभेन्दु बहुत सारे न्यूज़ पोर्टल तथा youtube चैनल को भी अपना योगदान देते हैं | अभी भी शुभेन्दु Golden Enterprises नामक फर्म का भी संचालन कर रहें हैं और बेहतर आईटी सेवा के लिए भी कार्य कर रहें हैं |

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